

महात्मा-अर्थात् महान आत्मा।महात्मजी की चरित्र की विशेषताओं और अपनी जनता की आजादी केलिए चलाई आन्दोलन की शैली की ओर संकेत करती है उनकी चिट्ठियाँ।जिन लोगों से मिलता है उनको अपनी तरफ़ खींच लेनेवाली एक विशेष कौशल गाँधीजी में था।अनुचरों को गाँधीजी केवल एक नेता नहीं थे,बल्कि एक उत्तम सेनानी,बुद्धिशाली उपदेशक,एक प्यारे पिता और अचूक मार्गदर्शक थे।अपने अनुचरों और मित्रों को वे लगातार चिट्ठियाँ लिखते थे।विभिन्न विषयों पर उन्होंने हज़ारों पत्र लिखे हैं। गाँधीजी को समझने का एक मुख्य उपाय है उनकी चिट्ठियाँ।नवीं कक्षा का पाठपुस्तिका के दूसरी इकाई का दूसरा पाठ हिट्लर के नाम गँधीजी का पत्र "अपील,मानवता के नाम पर" का समग्र और संपूर्ण मलयालम अनुवाद हम प्रकाशित करते हैं।
केरल गाँधी स्मारक निधि द्वारा 1962 में प्रकाशित "ഗാന്ധിസാഹിത്യം വാല്യം 7 -ഗാന്ധിജിയുടെ തിരഞ്ഞെടുത്ത കത്തുകള്"(गाँधीसाहित्य-जिल्द-७-गाँधीजी के चुने हुए पत्र) से लिया गया इसका अनुवादक श्री.के.एस.नारायणपिल्लाजी हैं। एक बात और - यह पुस्तक मेरे दादाजी के पुराने संचय से मिला है।केरल गाँधी स्मारक निधि , श्री.के.एस.नारायणपिल्लाजी ,पुस्तक का संपादक श्री.शिवराम अय्यर आदि सभी को धन्यवाद देते हुए यह संदेश हम प्रकाशित करते हैं। गँधीजी का पत्र "अपील,मानवता के नाम पर" का समग्र और संपूर्ण मलयालम अनुवाद आप यहाँ से डौनलोड कर सकते हैं।
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