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ഹിന്ദിസഭാ ബ്ലോഗിൽ 6 പോസ്റ്റുകളിലായി जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई എന്ന പാഠഭാഗത്തിന്റെ നോട്ടുകൾ പ്രസിദ്ധീകരിച്ചിട്ടുണ്ട്. അഭിപ്രായങ്ങളും നിർദ്ദേശങ്ങളും കമന്റായി പോസ്റ്റിനു താഴെ👇 രേഖപ്പെടുത്തണമെന്ന് അഭ്യർത്ഥിക്കുന്നു. ഫൈനൽ നോട്ടുകൾ (PDF) പ്രസിദ്ധീകരിക്കുന്നത് നിങ്ങളുടെ നിർദ്ദേശങ്ങൾ കൂടി പരിഗണിച്ചായിരിക്കും

Tuesday, September 17, 2024

जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई - 04

1. पठित लेख के आधार पर लिखें।

लेख के आधार पर गांधीजी का व्यवहार

लेखक की व्याख्या

वायसरॉय के साथ की चर्चा के समय अनमनापन दिखाना।

जब गांधीजी वायसरॉय माउण्टबेटन से बात कर रहे थे, तो उनका ध्यान बार-बार अपनी खोई हुई घड़ी पर जा रहा था, जिससे वे बातचीत में कम रुचि दिखा रहे थे। इसके पीछे उनका मकसद यह दिखाना था कि ब्रिटिश शासन में चीजें भी सुरक्षित नहीं हैं, और एक छोटी-सी घड़ी की चोरी भी हो सकती है। गांधीजी का यह व्यवहार ब्रिटिश शासन पर अविश्वास और असंतोष का संकेत था, और वे यह बताना चाहते थे कि उनके लिए व्यक्तिगत और नैतिक मूल्यों का अधिक महत्व है।

अपना नाश्ता खुद लाना।

गांधीजी का वायसरॉय की चाय पार्टी में अपना नाश्ता साथ लाना उनकी सादगी और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था। इससे उन्होंने दिखाया कि वे भव्यता और औपचारिकता से दूर रहते हैं। गांधीजी ने जो नाश्ता लाया, वह साधारण बकरी का दूध और दही था, जो भारत की गरीब जनता के आहार का हिस्सा है। इससे उन्होंने यह संदेश दिया कि वे उन चीजों पर निर्भर हैं जो उनकी मेहनत से हासिल होती हैं, जबकि ब्रिटिश साम्राज्य दूसरों की लूट पर आधारित है।



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