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Thursday, September 30, 2010

महात्मजी की चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालनेवाला और एक पत्र



विनस्टन चर्चिल के नाम लिखे यह पत्र पढ़िए(अगाखां किले से मुक्त होने के बाद वैस्रायी के ज़रिए भेजा पत्र)



१७.०७.१९४५

प्रिय प्रधान मंत्री,

मैं जानता हूँ,आप यह विनीत नग्न फकीर को-सुना है आपने मुझे इसप्रकार संबोधित किया है-ध्वस्त करना चाहते हैं।एक फकीर बन जाने केलिए,विशेषत: एक नग्न फकीर बन जाने केलिए,अनेक वर्षों से मैं कोशिश कर रहा हूँ।मुझे मालूम कि वह तो बहुत मुश्किल की बात है।इसलिए आपकी संबोधना को मैं एक उपाधि मानता हूँ।आप और एक उद्देश्य से एसा कहा होगा,तो भी मैं उसका बुरा अर्थ नहीं मानता।हमारे दशों की जनता केलिए,विश्व के सभी मानवों केलिए प्रार्थना करता हूँ कि आप कृपया मुझपर विश्वास रखिए और उसका फायदा उठाइए।

आपका आत्म मित्र
एम.के.गाँधी

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