आई एम कलाम नील माधव पंडा द्वारा निर्देशित व स्माइल फाउंडेशन द्वारा निर्मित 2011 की हिन्दी फिल्म है। छोटू राजस्थान का रहने वाला एक 12 साल का बुद्धिमान लड़का है। गरीबी में
पैदा हुआ, वह सड़क के किनारे स्थित भोजन स्टाल पर काम करने के लिए उसकी मां
द्वारा स्टाल के स्वामी भाटी को दे दिया जाता है। उसकी माँ बार-बार कहती
है "स्कूल हमारे भाग्य में नहीं है"। फिल्म ये बताती है कि भाग्य कुछ नहीं
होता है और किस तरह नियति को अपनी कड़ी मेहनत के द्वारा बदला जा सकता है।
इसे विभिन्न फिल्म समारोहों में प्रदर्शित किया गया और इसे कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए, 12 मई 2010 को ये 63 वें कान फिल्म समारोह के बाजार खंड में दिखाई गई।धन्यवाद - विकीपीड़िया
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