Tuesday, November 27, 2012
डॉ.शांता
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आत्मकथाँश
मैं
डॉ.शांता
हूँ। मैं एक कैंसर चिकित्सक
हूँ। मैं चेन्नै के अड़यार
कैंसर इंस्टिट्यूट की अध्यक्षा
हूँ। बचपन में दादा सी.वी.रामन
और चाचा डॉ.एस.चन्द्रशेखर
मेरे हीरो थे। बडी होकर मैं
डॉक्टर बनी। पहली नियुक्ति
जनरल असपताल में हुई। जनरल
अस्पताल में काम करते समय
चिकित्सा के क्षेत्र में उचित
व्यवहार और उपचार संहिता के
बारे में मैं ने डॉक्टर
कृष्णमूर्ति से बहुत कुछ
सीखा।इसी बीच डॉक्टर मुत्तुलक्ष्मि
रेड्डी ने एक कैंसर इंस्टिटूट
खोला। तब तक मैं एम.डी.कर
चुकी थी। यू.पी.एस.सी.के
ज़रिए एक अस्पताल में नियुक्ति
भी हो चुकी थी। लेकिन मैं ने
डॉक्टर मुत्तुलक्ष्मि रेड्डी
के कैंसर इंस्टिटूट में शामिल
होने का निर्णय लिया। तीन
वर्षों तक मैं ने बिना वेतन
के काम किया। उसके बाद 200
रुपए
मासिक वेतन मिलने लगे। मेरे
प्रयत्न से कैंसर इंस्टिटूट
में शोध केंन्द्र,बचाव
विभाग और कैंसर विज्ञान कॉलिज
भी स्थापित हुए।
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