संस्कृत : "स्पर्श मणि"
English: Philosopher's Stone
पारस पत्थर एक पहेली है। आज तक इस रहस्य को कोइ नहि जान पाया और जिसने जाना अब वह इस दुनिया मे नहि है परन्तु कह्ते है कि पारस कि खोज अब तक जारी है।एटॉमिक संरचना की मानी जाये तो कोई ऐसा पारस पत्थर नहीं होता है जो लोहे को सोना बना दे। यह काले रंग का सुगन्धित पत्थर है तथा यह दुर्लभ व बहुमूल्य होता है।
पारस पत्थर के बारे मे यह मान्यता है कि लोहे को इस पत्थर से स्पर्श कराने पर लोहा सोना बन जाता है।
किंवदंती के अनुसार, 13 वीं सदी के वैज्ञानिक और दार्शनिक Albertus Manus ने पारस पत्थर की खोज की थी।
No comments:
Post a Comment
'हिंदी सभा' ब्लॉग मे आपका स्वागत है।
यदि आप इस ब्लॉग की सामग्री को पसंद करते है, तो इसके समर्थक बनिए।
धन्यवाद