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Wednesday, July 17, 2024

शाहंशाह अकबर को कौन सिखाएगा... तीन डायरीयाँ

बीरबल की डायरी


स्थान

तारीख

आज का दिन बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक था। कल शाहंशाह अकबर ने मुझसे कहा कि वे हर चीज़ को सीखना चाहते हैं और उनकी पढ़ाई कल से शुरू होनी चाहिए। मैंने सोच-समझकर, दरबार में तरह-तरह के लोगों को बुला लिया। जब शाहंशाह दरबार में आए, तो वहाँ का दृश्य देखकर वे चौंक गए। उन्होंने पूछा कि मैंने ऐसा क्यों किया, और मैंने उन्हें समझाया कि हर व्यक्‍ति के पास कुछ न कुछ ज्ञान होता है।
शाहंशाह को यह समझाना आसान नहीं था। मैंने एक बूढ़ी महिला को उनके सामने पेश किया, जिन्होंने बड़े ही सादे शब्दों में समझाया कि सब कुछ सीख पाना संभव नहीं है। लेकिन अच्छा इंसान बनना सबसे महत्वपूर्ण है। शाहंशाह उनके शब्दों से बहुत प्रभावित हुए। यह दिन मुझे हमेशा याद रहेगा।   

 


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अकबर की डायरी: 

स्थान

तारीख

आज का दिन मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण दिन था। मैंने बीरबल से कहा था कि मैं हर चीज़ को सीखना चाहता हूँ और मेरी पढ़ाई कल से शुरू होनी चाहिए। आज जब मैं दरबार में पहुँचा, तो वहाँ का दृश्य बहुत विचिच्र था। तरह-तरह के लोग वहाँ मौजूद थे। मुझे गुस्सा आया और बीरबल से इसका कारण पूछा।  बीरबल ने मुझे समझाया कि हर व्यक्‍ति के पास कुछ न कुछ ज्ञान होता है।
एक बूढ़ी महिला ने मुझसे कहा कि सब कुछ सीख पाना संभव नहीं है, लेकिन अच्छा इंसान बनना सबसे महत्वपूर्ण है। उनके शब्दों ने मुझे बहुत प्रभावित किया और मैंने महसूस किया कि सीखने की प्रक्रिया कभी खत्म नहीं होती। आज मैंने यह सीखा कि सभी लोग शिक्षक होते हैं और विद्‍यार्थी भी।  

 


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बूढ़ी महिला की डायरी:

स्थान

तारीख

आज का दिन मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण दिन था।। मुझे शाहंशाह अकबर के दरबार में बुलाया गया था। वहाँ तरह-तरह के लोग थे। जब शाहंशाह ने मुझसे बात की, तो मैंने उन्हें बताया कि बुद्‍धिमान व्यक्‍ति जानते हैं कि सब कुछ सीख जाना संभव नहीं है, लेकिन अच्छा इंसान बनना सबसे महत्वपूर्ण है। मेरे ये शब्द शाहंशाह को बहुत पसंद आए और उन्होंने मेरी बातों को बहुत ध्यान से सुना। 
मुझे बहुत खुशी हुई कि मैं शाहंशाह को कुछ सिखा सकी। आज मैंने यह महसूस किया कि ज्ञान का महत्व बहुत बड़ा है।

1 comment:

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