Tuesday, December 24, 2013
समा बंध गया
समा बंध गया
(यात्राविवरण)
संबंध कथन : किसी यात्रा का अनुभव व्यक्ति को अतुलित आनंद देते हैं। लोगों के रहन-सहन, भौगोलिक ज्ञान, प्राकृतिक सुंदरता आदि का मज़ा लूटना जीवन को अविस्मरणीय बनाएगा। श्री नगेन्द्र भट्टाचार्य का यात्राविवरण "समा बंध गया" इसकी ओर इशारा करता है।
? आप लोगों में किन-किनको किसी स्थान की यात्रा का अनुभव है।
छात्रों को बोलने का अवसर दें।
प्रश्न:
? कब गए?
? कहाँ गए?
? किसके साथ गए?
? क्या-क्या देखे?
? कितने दिनों की यात्रा थी?
? वहाँ की भौगोलिक विशेषताएँ क्या-क्या थीं?
? किसी खास अनुभव हुआ तो बताएँ।
छात्रों की प्रतिक्रिया ।
पहला अंतर:
वाचन प्रक्रिया: (वह यात्रा.....काठ की बेंचें होती हैं।)
? लेखक के मित्र का नाम क्या है?
? वह टोकरी में भोजन क्यों लाया?
? ट्रेन का कण्डक्टर यात्रियों को क्या-क्या देता था?
? लेखक रूस के किस स्थान से यात्रा करता था?
? लेखक के बचपन में बंगाल के बनों की हालत कैसी थी?
? आज बंगाल के वनों की हालत कैसी है?
लेखन प्रक्रिया :
वन संरक्षण की प्रधानता दिखानेवाले दो-तीन सूचना-पट तैयार करें।
अगला अंतर :
वाचन प्रक्रिया:
(रेलवे लाईन......समा बंध गया।)
अध्यापक ये प्रश्न पूछें -
? रूसी युवतियों की वेश-भूषा कैसी थी?
? रूस में कई दुर्दशाओं का सामना करना पड़ा। यहाँ सूचित दुर्दशा क्या थी?
? नदी में किसकी भीड़ देखी जाती है?
? नावों में बैठकर लोग क्या करते हैं?
? लेखक को स्वीकार करने के लिए स्टेशन पर कौन आया?
लेखन प्रक्रिया :
अपनी किसी यात्रा का विवरण तैयार करें।
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