Friday, June 22, 2012
गौरा-रेखाचित्र सिखाने केलिए सहायक सामग्री
महादेवी वर्मा का "गौरा"रेखाचित्र कक्षा में प्रस्तुत करने से पहले श्रीमती सी.आर. राजश्री की यह आलेख पढें।महादेवी वर्मा द्वारा रचित सोना और गौरा नामक रेखाचित्र में मानव के निष्ठुर व्यवहार पर उन्होंने प्रकाश डाला है। पशु-पक्षी भी प्रेम के लिए लालियत रहते हैं और प्रेम दिखाने पर आनंदविभोर हो उठते हैं। बेजुबान होने पर भी स्नेह के कई मूक प्रर्दशन होते है। परन्तु मानव अपने स्वार्थ के कारण इन बेजुबान जानवरों पर इतना अत्याचार और निर्दय व्यवहार करता है और उनपर कितना जुल्म करता है इसका कोई अंत नहीं। मानव द्वारा इतनी यातना सह कर भी पशु मानव के स्वभाव से अब तक अनजाना है। मानव का यह स्वार्थ अंत में वेदना का कार्य और कारण बन जाता है, इसी बात पर प्रकाश डालना ही महादेवी वर्मी का मुख्य ध्येय है।
गौरा और सोना के संदर्भ में जानवरों के प्रति मनुष्य के व्यवहार पर विशेष अध्ययन इस आलेख में है।
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