Powered by Blogger.
NEWS FLASH
അഭ്യാസമില്ലാത്തവര്‍ പാകം ചെയ്തെതെന്നോര്‍ത്ത് സഭ്യരാം ജനം കല്ല് നീക്കിയും ഭുജിച്ചീടും..എന്ന വിശ്വാസത്തോടെ

Saturday, June 23, 2012

ब्रह्म मुहूर्त


रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व बताने के पीछे हमारे विद्वानों की वैज्ञानिक सोच निहित थी। वैज्ञानिक शोधों से ज्ञात हुआ है कि ब्रह्म मुहुर्त में वायु मंडल प्रदूषण रहित होता है। इसी समय वायु मंडल में ऑक्सीजन (प्राण वायु) की मात्रा सबसे अधिक (41 प्रतिशत) होती है, जो फेफड़ों की शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण होती है। शुद्ध वायु मिलने से मन, मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है।
आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर टहलने से शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। यही कारण है कि इस समय बहने वाली वायु को अमृततुल्य कहा गया है। इसके अलावा यह समय अध्ययन के लिए भी सर्वोत्तम बताया गया है क्योंकि रात को आराम करने के बाद सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर तथा मस्तिष्क में भी स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है। प्रमुख मंदिरों के पट भी ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए जाते हैं तथा भगवान का श्रृंगार व पूजन भी ब्रह्म मुहूर्त में किए जाने का विधान है।

2 comments:

  1. हमारी शंका अभी तक दूर हुई नहीं कि ब्रह्ममुहूर्त कितने बजे से कितने बजे तक है?

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रात:काल 3-5 बजे तक का समय ब्रह्म मुहूर्त का समय माना जाता है। इस समय फेफडों में प्राण ऊर्जा का प्रवाह सबसे अधिक होता है। जो व्यक्ति इस समय जागकर शुद्ध वायु का सेवन करते हैं, प्राणायाम करते हैं, इससे उनके फेफडे सशक्त होते हैं। वे स्वस्थ रहते हैं।

      जब सूर्य उगने वाला होता है, तो पूर्व क्षितिज में थोडी लालिमा दिखाई देती है। इस समय को अमृत बेला भी कहा जाता है।

      Delete

'हिंदी सभा' ब्लॉग मे आपका स्वागत है।
यदि आप इस ब्लॉग की सामग्री को पसंद करते है, तो इसके समर्थक बनिए।
धन्यवाद

© hindiblogg-a community for hindi teachers
  

TopBottom