Friday, June 08, 2012
कण्णूर से ...4 (लक्षमणजी का एक सराहनीय प्रयास !)
कण्णूर जिले के सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल, कुञ्ञिमंगलम के हिंदी अध्यापक लक्ष्मणन जी के मन में नदी और साबुन कविता के संबंध में जो संदेह उठा वह कवि ज्ञानेन्द्रपति के नाम एक पत्र लिखने का निदान बन गया। कवि तो जिज्ञासु अध्यापक के शंका समाधान में अतीव तत्पर थे। उन्होंने तुरंत जवाब भेजा। वह पत्र केरल के हाई स्कूल हिंदी अध्यापकों की सहायता के लिए हम गर्व के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। लक्ष्मणन जी का प्रयास बिलकुल सराहनीय है। बधाइयाँ लक्ष्मणन जी।
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പ്രിയപ്പെട്ട ലക്ഷ്മണ്ജി
ReplyDeleteഅഭിനന്ദനങ്ങള്!!!
താങ്കളേപ്പോലെയുള്ളവര് നമ്മുടെ അധ്യാപകസുഹൃത്തുക്കള്ക്ക് മാതൃകയാകട്ടെ!താങ്കളുടെ കഴിവുകള് ധൈര്യപൂര്വ്വം പങ്ക് വൈയ്ക്കൂ...
ഈ പ്രസിദ്ധീകരണത്തിന് രവിമാഷിനും ഹിന്ദിസഭക്കും നന്ദി!
सराहनीय बात किया है-लक्ष्मणजी
ReplyDeleteबधाईयाँ रवीजी और सोमनजी को।