ऊषा मुकुन्दा पुस्तकालय को शिक्षण खासकर भाषा शिक्षण में एक मूल्यवान संसाधन के रूप में देखती हैं। वे पुस्तकालय की भूमिका में एक महत्वपूर्ण आयाम जोड़ती हैं। वे चाहती हैं पुस्तकालय वास्तव में सक्रिय पहल करते हुए पाठ्यक्रम को समृद्ध बनानेवाली गतिविधियों और कार्यक्रमों की शुरुआत करे। लेकिन पुस्तकालय के इस तरह से काम करने के लिए कुछ पूर्व शर्तें हैं:
- प्रबुद्ध और सक्रिय पहल करने वाला प्रबन्धन हो।
- उपयोगकर्ताओं के प्रति दोस्ताना रुख रखने वाला और ऊर्जावान पुस्तकाध्यक्ष हो।
- सक्रिय व खुली मानसिकता वाला शिक्षक संघ हो।
- जीवन्त और दिलचस्पी लेने वाले विद्यार्थी हों।
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