निबन्ध के निम्न मुख्य भेद होते हैं -
* विचारात्मक
* वर्णनात्मक
* विवराणात्मक
* भावात्मक
विचारात्मक निबन्ध – जब निबन्ध में किसी विषयवस्तु का तर्कपूर्ण विवेचन, विश्लेषण तथा खोज किया जाए तो उसे विचारात्मक निबन्ध कहा जाता है। विचारात्मक निबन्ध में बुद्धितत्व की प्रधानता होती है और इनमें लेखक के चिन्तन, मनन, अध्ययन, मान्यताओं तथा धारणाओं का प्रभाव स्पष्टतः दिखाई पड़ता है।
वर्णनात्मक निबन्ध – जब किसी निबन्ध में किसी वस्तु, स्थान, व्यक्ति, दृश्य आदि का निरीक्षण के आधार पर रोचक तथा आकर्षक वर्णन किया जाए तो उसे वर्णनात्मक निबन्ध कहा जाता है।
विवरणात्मक निबन्ध – जब किसी निबन्ध में ऐतिहासि तथा सामाजिक घटनाओं, स्थानों, दृश्यों आदि का रोचक तथा आकर्षक विवरण दिया जाए तो उसे विवरणात्मक निबन्ध कहा जाता है।
भावात्मक निबन्ध – जब किसी निबन्ध में हृदय में उत्पन्न होने वाले भावों तथा रागों को दर्शाया जाए तो उसे भावात्मक निबन्ध कहा जाता है। ऐसे निबन्धों की भाषा सरल, मधुर, ललित तथा संगीतमय होती है और ये निबन्ध कवित्वपूर्ण तथा प्रवाहमय प्रतीत होते हैं।
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