Monday, November 09, 2009
हम होंगे कामयाब एक दिन
संसार एक पुस्तक है
जब तुम मेरे साथ रहती हो तो अकसर मुझसे बहुत सी बातें पूछा करती हो। और मैं उनका जवाब देने की कोशिश करता हुं।लेकिन अब,जब तुम मसूरी में हो और मैं इलहाबीद में,हम दोनों उस तरह बातचीत नहीं कर सकते।इसतिए मैं ने इरादा किया है कि कभी कभी तम्हें इस दुनिया की और उन छोटे बडे देशों की जो इस दुनिया में हैं,छोटी-छोटी कथाएं लिखा करू(पिता के पत्र पुत्री के नाम-चाचा नेह्रू)
जब तुम मेरे साथ रहती हो तो अकसर मुझसे बहुत सी बातें पूछा करती हो। और मैं उनका जवाब देने की कोशिश करता हुं।लेकिन अब,जब तुम मसूरी में हो और मैं इलहाबीद में,हम दोनों उस तरह बातचीत नहीं कर सकते।इसतिए मैं ने इरादा किया है कि कभी कभी तम्हें इस दुनिया की और उन छोटे बडे देशों की जो इस दुनिया में हैं,छोटी-छोटी कथाएं लिखा करू(पिता के पत्र पुत्री के नाम-चाचा नेह्रू)
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
'हिंदी सभा' ब्लॉग मे आपका स्वागत है।
यदि आप इस ब्लॉग की सामग्री को पसंद करते है, तो इसके समर्थक बनिए।
धन्यवाद