मान लें कि नदी एक किसान को अपनी व्यथाएँ सुनाती है। दोनों के बीच का संभावित वार्तालाप लिखें। :
Friday, June 07, 2013
नदी और किसान
प्रकाश के,एस.एन.जी.एच.एस.कडैक्कोड़
मान लें कि नदी एक किसान को अपनी व्यथाएँ सुनाती है। दोनों के बीच का संभावित वार्तालाप लिखें। :
मान लें कि नदी एक किसान को अपनी व्यथाएँ सुनाती है। दोनों के बीच का संभावित वार्तालाप लिखें। :
नदी :
अरे..अरे..बचाओ.बचाओ.
अचानक
मुझे क्या हो रहा है?
किसान :
अरी!
नदी क्या
हुआ? इतने
ज़ोर से क्यों चिल्ला रही है?
कुछ गड़बड़ी
है क्या?
नदी :
अरे किसान
भैया,
क्या
बताऊँ?
देखा है
न मेरा हाल?
किसान :
देखा।
बता,तू
इतनी दुबली और मैली कैसे बनी?
नदी :
भैया,
ये सब
स्वार्थी मानव के अत्यचारों
का नतीजा है।
किसान :
हिमालय
पुत्री होते भी तेरी यही दशा।
तेरे बिना हम रह नहीं पाएँगे।
हमारी भी यही दशा होगी।
नदी :
मेरा
बरबाद करके मानव अपना बैठा
हुआ डाल काट रहा है।
किसान :
बिलकुल
सही। मानव के इस व्यवहार का
मैं माफी माँगता हूँ। मैं वादा
करता हूँ कि आगे से तेरी रक्षा
हमारा
मकसद रहेगा।
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अच्छा अच्छा
ReplyDeletea good work...thank you
ReplyDeleteവളരെ നന്നായിട്ടുണ്ട് . അഭിനന്ദനങ്ങള്
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुतीकरण , प्रकाशजी साथ चलें...आइए हिंदी ब्लॉग के साथ
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