Saturday, December 05, 2009
कहानी सिखाने केलिए कुछ कक्षाई प्रक्रियाएँ
अध्यापक छात्रों से प्रश्न करें।
क्या आप को कहानी सुनना पसंद है?
आप को किस प्रकार की कहानी पसंद है?
तो,अब एक कहानी सुनें।
एक जंगल में एक बडा पेड़ था।पेड़ पर बहुत से पशु-पक्षियों ने अपना डेरा बना रखा था।
अध्यापक छात्रों से प्रश्न करें।
क्या आप बता सकते हैं,पेड़ पर किन किन प्रकार के पशु पक्षी रहते हैं?
वे पेड़ पर रहने का क्या क्या कारण होंगे?
(खाने केलिए रसीले और मीठे फल,रहने केलिए जगह)
स्वतंत्र प्रतिक्रिया का अवसर।
पेड़ घमंडी था। उसने सोचा-अगर मैं न होता तो ये सभी भूखों मर जाते। न इनके रहने का ठिकाना न होता। वे बदले में मुझे कुछ नहीं देते हैं। कल से मैं उन्हें यहां रहने नहीं देंगे।
अगले दिन यह घमंडी पेड़ पशु-पक्षियों को डांट फटकाया। सभी ने पेड़ को मनाने की कोशिश की।
अध्यापक चार्ट पर लिखे संवाद को आगे बढ़ाने का निर्देश दें।
पेड़ – तुम सब स्वार्थी हो ।
तोता –आप क्या कह रहे हैं?
पेड़ - ............................
मैना - .................................
सब पशु-पक्षियों को वहाँ से जाना पडा। सब के चले जाने से सूनसूना लग रहा था। आसपास कोई नहीं था,जिससे वह बात कर पाता। पेड़ उदास खडा,पहले के पलों को याद करने लगा।
पेड़ क्या सोचता होगा? (स्वतंत्र प्रतिक्रिया का अवसर)
एक दिन एक आदमी कुल्हाडी लेकर वहाँ आया। “ इतने बडे पेड़ को काटने से खूब लकड़ी मिलेगी ” यह कहकर वह कुल्हाडी चलाकर पेड़ का तना काटने लगा। “बचाओ,कोई है इसे रोको,यह मेरी जान ले लेगा” पेड़ चिल्लाने लगा।
अध्यापक छात्रों से प्रश्न करें।
फिर क्या हुआ होगा ?
वन के पशु पक्षी क्या किए होंगे ?
पेड़ की चिन्ताएँ क्या क्या होंगी ?
छात्र कल्पना के अनुसार कहानी को आगे बढ़ाएँ।
दो-तीन छात्रों द्वारा प्रस्तुतीकरण।
कहानी पूर्ण रूप से लिखने का निर्देश दें।
उचित शीर्षक भी दें।
अध्यापक छात्रों से प्रश्न करें।
कहानी सृजन में किन किन बातों पर ध्यान देना है
चर्चा चलाएँ
संक्षिप्तीकरण करें।
घटनाएँ निश्चित करना है।
वातावरण घटनाओं के अनुकूल हो।
कहानी की शोलि हो।
सरल भाषा हो।
उचित शीर्षक हो।
क्या आप को कहानी सुनना पसंद है?
आप को किस प्रकार की कहानी पसंद है?
तो,अब एक कहानी सुनें।
एक जंगल में एक बडा पेड़ था।पेड़ पर बहुत से पशु-पक्षियों ने अपना डेरा बना रखा था।
अध्यापक छात्रों से प्रश्न करें।
क्या आप बता सकते हैं,पेड़ पर किन किन प्रकार के पशु पक्षी रहते हैं?
वे पेड़ पर रहने का क्या क्या कारण होंगे?
(खाने केलिए रसीले और मीठे फल,रहने केलिए जगह)
स्वतंत्र प्रतिक्रिया का अवसर।
पेड़ घमंडी था। उसने सोचा-अगर मैं न होता तो ये सभी भूखों मर जाते। न इनके रहने का ठिकाना न होता। वे बदले में मुझे कुछ नहीं देते हैं। कल से मैं उन्हें यहां रहने नहीं देंगे।
अगले दिन यह घमंडी पेड़ पशु-पक्षियों को डांट फटकाया। सभी ने पेड़ को मनाने की कोशिश की।
अध्यापक चार्ट पर लिखे संवाद को आगे बढ़ाने का निर्देश दें।
पेड़ – तुम सब स्वार्थी हो ।
तोता –आप क्या कह रहे हैं?
पेड़ - ............................
मैना - .................................
सब पशु-पक्षियों को वहाँ से जाना पडा। सब के चले जाने से सूनसूना लग रहा था। आसपास कोई नहीं था,जिससे वह बात कर पाता। पेड़ उदास खडा,पहले के पलों को याद करने लगा।
पेड़ क्या सोचता होगा? (स्वतंत्र प्रतिक्रिया का अवसर)
एक दिन एक आदमी कुल्हाडी लेकर वहाँ आया। “ इतने बडे पेड़ को काटने से खूब लकड़ी मिलेगी ” यह कहकर वह कुल्हाडी चलाकर पेड़ का तना काटने लगा। “बचाओ,कोई है इसे रोको,यह मेरी जान ले लेगा” पेड़ चिल्लाने लगा।
अध्यापक छात्रों से प्रश्न करें।
फिर क्या हुआ होगा ?
वन के पशु पक्षी क्या किए होंगे ?
पेड़ की चिन्ताएँ क्या क्या होंगी ?
छात्र कल्पना के अनुसार कहानी को आगे बढ़ाएँ।
दो-तीन छात्रों द्वारा प्रस्तुतीकरण।
कहानी पूर्ण रूप से लिखने का निर्देश दें।
उचित शीर्षक भी दें।
अध्यापक छात्रों से प्रश्न करें।
कहानी सृजन में किन किन बातों पर ध्यान देना है
चर्चा चलाएँ
संक्षिप्तीकरण करें।
घटनाएँ निश्चित करना है।
वातावरण घटनाओं के अनुकूल हो।
कहानी की शोलि हो।
सरल भाषा हो।
उचित शीर्षक हो।
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