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Friday, September 27, 2024

जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई - 09 (कुछ अन्य प्रोक्‍तिपरक प्रश्‍न-3)

 
कल्पना कीजिए कि आप वायसरॉय माउण्टबेटन हैं। इस मुलाकात के बाद आप अपने मित्र को इस घटना के बारे में पत्र लिख रहे हैं। पत्र लिखें।
स्थान ............ 
तारीख ........... 
प्रिय जॉर्ज, 
    कैसे हो? बहुत दिनों से सोच रही हूँ कि तुम्हें एक पत्र लिखूँ। आज ही अवकाश मिला। 

Tuesday, September 24, 2024

जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई - 08 (कुछ अन्य प्रोक्‍तिपरक प्रश्‍न-2)

एक पत्रकार के रूप में आप गांधीजी की वायसरॉय माउण्टबेटन से मुलाकात का समाचार लिख रहे हैं। समाचार लिखें। 



गांधीजी की वायसरॉय माउण्टबेटन से मुलाकात : सादगी और सच्चाई का परिचय 
नई दिल्‍ली : आज वायसरॉय लॉर्ड माउण्टबेटन और महात्मा गांधी के बीच वायसरॉय भवन में ऐतिहासिक मुलाकात हुई। जहाँ वायसरॉय और उनकी पत्नी ने बड़े भव्यता से इस मुलाकात की तैयारियाँ की थीं, वहीं गांधीजी की सादगी ने एक बार फिर सभी को प्रभावित किया। बैठक के दौरान गांधीजी को कमरे की ठंडक असहज लगी, जिससे उन्हें रूम कूलर बंद करने का अनुरोध करना पड़ा। मुलाकात के दौरान गांधीजी अपनी चोरी हुई घड़ी को लेकर चिंतित दिखे। जब नाश्ते का समय आया, तो गांधीजी ने अपना स्वयं का नाश्ता निकाला, जो बकरी के दूध का दही था। गांधीजी की इस सादगी भरी मुलाकात ने सभी को यह संदेश दिया कि वे सादगी और सत्य के प्रतीक हैं।


Sunday, September 22, 2024

जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई - 07 (कुछ अन्य प्रोक्‍तिपरक प्रश्‍न-1)

कल्पना कीजिए कि आप गांधीजी के सचिव हैं और आपको उनके वायसरॉय लॉर्ड माउण्टबेटन के साथ मुलाकात के बारे में अपनी डायरी में लिखना है। अपनी डायरी में इस मुलाकात के बारे में लिखें। 

15 अगस्त, 1947 

आज गांधीजी की वायसरॉय लॉर्ड माउण्टबेटन से मुलाकात हुई। वायसरॉय भवन में उनकी चाय पार्टी के लिए बहुत तैयारियाँ की गई थीं। लेकिन गांधीजी हमेशा की तरह अपनी सादगी के साथ वहाँ पहुँचे। जैसे ही उन्होंने कमरे में प्रवेश किया, उन्हें ठंड लगी और उन्होंने तुरंत रूम कूलर बंद करने के लिए कहा। 
    मुलाकात के दौरान, गांधीजी अपनी खोई हुई घड़ी के बारे में सोचते रहे, जिससे उनका ध्यान वायसरॉय की बातों पर नहीं था। जब चाय के लिए कहा गया, तो गांधीजी ने अपना लाया हुआ नाश्ता निकाला, जिसमें बकरी के दूध से बना दही था। वायसरॉय और उनकी पत्नी को गांधीजी की सादगी देखकर आश्‍चर्य हुआ। 
    यह मुलाकात यह दिखाती है कि गांधीजी हमेशा सरल और सच्‍चे जीवन को महत्व देते थे, चाहे स्थिति कुछ भी हो।

Tuesday, September 17, 2024

जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई - 06

गांधीजी की चाय पार्टी की तैयारियों के बारे में लेडी माउण्टबेटन और लॉर्ड माउण्टबेटन के बीच की संभावित बातचीत तैयार करें।



लेडी माउंटबेटन : लॉर्ड माउण्टबेटन, गांधीजी के लिए चाय पार्टी की तैयारियाँ करनी हैं। 

क्या आप जानते हैं, उन्हें चाय पसंद है या दूध?


लॉर्ड माउंटबेटन : मुझे यकीन नहीं है। लेकिन हमें दोनों का इंतजाम करना चाहिए, ताकि 

कोई दिक्कत न हो।


लेडी माउंटबेटन : ठीक है। क्या हम उनके लिए विशेष मेज़-कुर्सी की व्यवस्था करें, या वे 

फर्श पर बैठना पसंद करेंगे?


लॉर्ड माउंटबेटन : गांधीजी सादगी पसंद करते हैं, शायद वे फर्श पर बैठना चाहें। हमें दोनों 

विकल्प तैयार रखने चाहिए।


लेडी माउंटबेटन : सही कहा। क्या रसोइए के बारे में कुछ खास ध्यान रखना होगा? वे 

शाकाहारी हैं, है ना?


लॉर्ड माउंटबेटन : हाँ, वे शाकाहारी हैं। हमें सुनिश्चित करना होगा कि उनके लिए विशेष 

रूप से शुद्ध शाकाहारी भोजन तैयार हो।


लेडी माउंटबेटन : मैं सोच रही हूँ, क्या हमें उनसे उपवास के बारे में पूछना चाहिए? कहीं 

ऐसा न हो कि उस दिन उनका उपवास हो।


लॉर्ड माउंटबेटन : हाँ, यह महत्वपूर्ण है। हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपनी 

पसंद का खाना लाएँ, अगर वे चाहें तो।


लेडी माउण्टबेटन : बिल्कुल। मैं सारी तैयारियों का ध्यान रखूंगी, ताकि गांधीजी को कोई 

असुविधा न हो।

जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई - 05

 

रेखांकित प्रयोगों पर ध्यान दें, और नए वाक्य बनाएँ।


() रोमांचक मैच के बीच अचानक विराट के विकेट गिरने से सारा मज़ा किरकिरा हो 

गया। (आनंद में बाधा उत्पन्न होना - സന്തോഷം ഇല്ലാതാക്കുക)



01. पिकनिक पर बारिश शुरू हो गई, और सारा मज़ा किरकिरा हो गया।


02. केक गिरने से जन्मदिन का मज़ा किरकिरा हो गया।


03. फिल्म के बीच में बिजली चली गई, और सबका मज़ा किरकिरा हो गया।


04. लड्‍डू में नमक ज्यादा हो गया, तो खाने का मज़ा किरकिरा हो गया।


05. अचानक फोन बजने से पढ़ाई का मज़ा किरकिरा हो गया।


() कोई भी संजू से कुछ मत कहिएगा, वह ढोल पीट देगा। (घोषणा करना -ഉറക്കെ 

വിളിച്ചു പറയുക, വെളിപ്പെടുത്തുക)



01. राजु को गुप्त बात मत बताना, वह सबके सामने ढोल पीट देगा।


02. रिया को सरप्राइज मत बताना, वह ढोल पीट देगी।


03. अगर तुमने उसे ये राज़ बताया, तो वह ढोल पीट देगा।


04. भैया से कुछ छुपाकर रखो, वरना वह ढोल पीट देगा।


05. मीरा से झगड़े की बात मत कहो, वह पूरे मोहल्‍ले में ढोल पीट देगी।

जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई - 04

1. पठित लेख के आधार पर लिखें।

लेख के आधार पर गांधीजी का व्यवहार

लेखक की व्याख्या

वायसरॉय के साथ की चर्चा के समय अनमनापन दिखाना।

जब गांधीजी वायसरॉय माउण्टबेटन से बात कर रहे थे, तो उनका ध्यान बार-बार अपनी खोई हुई घड़ी पर जा रहा था, जिससे वे बातचीत में कम रुचि दिखा रहे थे। इसके पीछे उनका उद्‍देश्य यह दिखाना था कि ब्रिटिश शासन में चीजें भी सुरक्षित नहीं हैं, और एक छोटी-सी घड़ी की चोरी भी हो सकती है। गांधीजी का यह व्यवहार ब्रिटिश शासन पर अविश्‍वास और असंतोष का संकेत था, और वे यह बताना चाहते थे कि उनके लिए व्यक्‍तिगत और नैतिक मूल्यों का अधिक महत्व है।

अपना नाश्ता खुद लाना।

गांधीजी का वायसरॉय की चाय पार्टी में अपना नाश्ता साथ लाना उनकी सादगी और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था। इससे उन्होंने दिखाया कि वे भव्यता और औपचारिकता से दूर रहते हैं। गांधीजी ने जो नाश्ता लाया, वह साधारण बकरी का दूध और दही था, जो भारत की गरीब जनता के आहार का हिस्सा है। इससे उन्होंने यह संदेश दिया कि वे उन चीजों पर निर्भर हैं जो उनकी मेहनत से हासिल होती हैं, जबकि ब्रिटिश साम्राज्य दूसरों की लूट पर आधारित है।



जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई - 03

सही या गलत कहें।
1. गांधीजी ने वायसरॉय की चाय पार्टी में चाय पी थी।
उत्‍तर: गलत
2. वायसरॉय लॉर्ड माउण्टबेटन ने गांधीजी के आने पर रूम कूलर चलवाया था।
उत्‍तर: सही

Sunday, September 08, 2024

जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई - 02

बहुविकल्पीय प्रश्‍न

  01. लॉर्ड माउण्टबेटन ने गांधीजी को क्यों चाय पर बुलाया?

        (A) गांधीजी को चाय पसंद थी

        (B) भारत में कुछ भी करने के लिए गांधीजी से बात करना आवश्यक था

        (C) गांधीजी उनके पुराने दोस्त थे

        (D) गांधीजी के सम्मान में

    उत्‍तर: (B) भारत में कुछ भी करने के लिए गांधीजी से बात करना आवश्यक था

Wednesday, September 04, 2024

जब गाँधीजी की घडी चोरी चली गई - 01

पाठ का सारांश

जब लॉर्ड माउण्टबेटन भारत आए, तो उन्होंने गांधीजी को चाय पर बुलाया। गांधीजी ने चाय पार्टी में अपनी पसंद का नाश्ता लाना चाहा और अपने पुराने घड़ी की चोरी की बात को उठाकर वायसरॉय को संदेश दिया कि ब्रिटिश राज में सुरक्षा का अभाव है। उनका यह व्यवहार राजनीतिक संकेतों के साथ भारतीयता की ओर इंगित करता है।

मुख्य घटनाएँ

  1. लॉर्ड माउण्टबेटन ने गांधीजी को चाय पर बुलाया।

  2. चाय पार्टी की तैयारी में कई सवाल उठे।

  3. गांधीजी ने कूलर बंद करने की मांग की।

  4. घड़ी चोरी की बात को उठाकर ब्रिटिश राज की सुरक्षा पर सवाल उठाया।

  5. नाश्ते में अपना लाए बकरी का दूध।

  6. गांधीजी का व्यवहार राजनीतिक संदेश देता है।

  7. बाद में चोर ने घड़ी वापस की।

इन बातों पर ध्यान दें...
1. आमंत्रण का महत्व - लॉर्ड माउण्टबेटन ने गांधीजी को चाय पर बुलाकर उनकी राजनीतिक महत्‍ता को समझा। 
 2. तैयारियों का दबाव - चाय पार्टी की तैयारियों से यह दर्शाता है कि गांधीजी की शौक और आदतों का ध्यान रखा गया था। 
 3. सर्दी का संकेत - गांधीजी ने कूलर बंद करने का अनुरोध कर यह संदेश दिया कि भारतीयता की राजनीति ठंडी कमरों में नहीं होती। 
 4. घड़ी की चोरी का प्रतीक - पुरानी घड़ी की चोरी को उठाकर गांधीजी ने ब्रिटिश राज की सुरक्षा की कमजोरी को उजागर किया। 
 5. नाश्ते का अर्थ - बकरी का दूध लाकर गांधीजी ने भारतीय संस्कृति और गरीब जनता का प्रतिनिधित्व किया। 
 6. चालाकी से संवाद - गांधीजी का व्यवहार सीधे तौर पर संवाद का एक नया तरीका था, जिसमें वे अपनी बात को बिना कहे कह रहे थे। 
 7. प्रतिक्रिया का प्रभाव - समाचार पत्रों में गांधीजी की घड़ी चोरी की खबर ने उनकी छवि को और मजबूत किया, जबकि उनकी बातचीत अदृश्य रह गई।
പാഠഭാഗത്തുകൂടി കടന്ന് പോകുമ്പോൾ മേൽപറഞ്ഞ കാര്യങ്ങൾ ഉചിതമായി അവതരിപ്പിക്കണം.
(ഈ പോസ്റ്റിനെക്കുറിച്ചുള്ള അഭിപ്രായം കമന്റായി താഴെ👇 രേഖപ്പെടുത്താം)

Wednesday, July 17, 2024

शाहंशाह अकबर को कौन सिखाएगा... तीन डायरीयाँ

बीरबल की डायरी


स्थान

तारीख

आज का दिन बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक था। कल शाहंशाह अकबर ने मुझसे कहा कि वे हर चीज़ को सीखना चाहते हैं और उनकी पढ़ाई कल से शुरू होनी चाहिए। मैंने सोच-समझकर, दरबार में तरह-तरह के लोगों को बुला लिया। जब शाहंशाह दरबार में आए, तो वहाँ का दृश्य देखकर वे चौंक गए। उन्होंने पूछा कि मैंने ऐसा क्यों किया, और मैंने उन्हें समझाया कि हर व्यक्‍ति के पास कुछ न कुछ ज्ञान होता है।
शाहंशाह को यह समझाना आसान नहीं था। मैंने एक बूढ़ी महिला को उनके सामने पेश किया, जिन्होंने बड़े ही सादे शब्दों में समझाया कि सब कुछ सीख पाना संभव नहीं है। लेकिन अच्छा इंसान बनना सबसे महत्वपूर्ण है। शाहंशाह उनके शब्दों से बहुत प्रभावित हुए। यह दिन मुझे हमेशा याद रहेगा।   

 


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अकबर की डायरी: 

स्थान

तारीख

आज का दिन मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण दिन था। मैंने बीरबल से कहा था कि मैं हर चीज़ को सीखना चाहता हूँ और मेरी पढ़ाई कल से शुरू होनी चाहिए। आज जब मैं दरबार में पहुँचा, तो वहाँ का दृश्य बहुत विचिच्र था। तरह-तरह के लोग वहाँ मौजूद थे। मुझे गुस्सा आया और बीरबल से इसका कारण पूछा।  बीरबल ने मुझे समझाया कि हर व्यक्‍ति के पास कुछ न कुछ ज्ञान होता है।
एक बूढ़ी महिला ने मुझसे कहा कि सब कुछ सीख पाना संभव नहीं है, लेकिन अच्छा इंसान बनना सबसे महत्वपूर्ण है। उनके शब्दों ने मुझे बहुत प्रभावित किया और मैंने महसूस किया कि सीखने की प्रक्रिया कभी खत्म नहीं होती। आज मैंने यह सीखा कि सभी लोग शिक्षक होते हैं और विद्‍यार्थी भी।  

 


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बूढ़ी महिला की डायरी:

स्थान

तारीख

आज का दिन मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण दिन था।। मुझे शाहंशाह अकबर के दरबार में बुलाया गया था। वहाँ तरह-तरह के लोग थे। जब शाहंशाह ने मुझसे बात की, तो मैंने उन्हें बताया कि बुद्‍धिमान व्यक्‍ति जानते हैं कि सब कुछ सीख जाना संभव नहीं है, लेकिन अच्छा इंसान बनना सबसे महत्वपूर्ण है। मेरे ये शब्द शाहंशाह को बहुत पसंद आए और उन्होंने मेरी बातों को बहुत ध्यान से सुना। 
मुझे बहुत खुशी हुई कि मैं शाहंशाह को कुछ सिखा सकी। आज मैंने यह महसूस किया कि ज्ञान का महत्व बहुत बड़ा है।

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