tag:blogger.com,1999:blog-2552466585564970336.post8475526162648135093..comments2024-01-23T11:26:48.145+05:30Comments on हिंदी मंत्रणसभा,कोट्टारक्करा: दिनाचरण से सतत आकलन की ओरहिंदी मंत्रणसभा,कोट्टारक्कराhttp://www.blogger.com/profile/16913477778229422204noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2552466585564970336.post-87460139340995581532013-07-30T14:24:47.852+05:302013-07-30T14:24:47.852+05:30मनोजजी,आपकी प्रतिक्रिया के लिऎ धन्यवाद ।कक्षा संचा...मनोजजी,<br>आपकी प्रतिक्रिया के लिऎ धन्यवाद ।<br>कक्षा संचालन और सतत मूल्यांकन में दिनाचरणों का महत्वपूर्ण स्थान है। इसे समझकर कार्यकलाप करना ही उचिच होगा । यही निर्णय के सात हम आगे बढ़ें ।ശ്രീഗോകുലംhttp://www.blogger.com/profile/01741740283891737204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552466585564970336.post-83203656202611940952013-07-30T09:27:47.887+05:302013-07-30T09:27:47.887+05:30यह तो खुशी की बात है कि आजकल हमारे स्कूलों में विश...यह तो खुशी की बात है कि आजकल हमारे स्कूलों में विशेष दिनों को खूब मनाते हैं। <br>पर्यावरण दिवस को पेड़-पौधे लगाते हैं। <br>वाचन की प्रधानता पर ज़ोर देनेवाले भाषण के साथ वाचन दिवस मनाते हैं। <br>गाँधी जयंति के दिन स्कूल और और उसके आसपास की सफाई करते हैं। <br>चाँद्र दिवस पर प्रश्नोत्तरी चलाते हैं। <br>…......................................<br>पर, आप सोचें, इनमें ऐसा कोई कार्यक्रम है क्या, जो स्कूल की सीमा को पार करनेवाला यानी बच्चों की ज़िंदगी में गहरा छाप लगानेवाला हो? शायद है ही नहीं। मसलन, चाँद्र दिवस ही लें। ब्रह्मांड पर मानव की विजय के पहले कदम की याद दिलानेवाला दिवस है यह। ऐसे में, इस दिवस के आचरण से बच्चों में कुछ आशय या धारणाएँ रूपायित होना ही है। आजकल की वैज्ञानिक दशा में 'हिग्स बॉसॉण' के विषय पर ज़ोर देनेवाले आशय तक चाँद्र दिवस के आचरण का आधार बना सकते हैं। <br>कहने का तात्पर्य यह है कि प्रत्येक दिनाचरण बच्चों के लिए कुछ अनुभव प्रधान करें और उनमें कुछ आशय एवं अवधारणाएँ रूपायित करने योग्य हो।മനോജ്കുമാര് പെരിന്തല്മണ്ണhttp://www.blogger.com/profile/13911650285938512702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552466585564970336.post-33493803002895241642013-07-29T21:11:04.611+05:302013-07-29T21:11:04.611+05:30असल में, आचरण के परे प्रत्येक विशेष दिवस बच्चों के...असल में, आचरण के परे प्रत्येक विशेष दिवस बच्चों के लिए विशेष अनुभव ही प्रदान करें, अर्थात दिनाचरण के स्थान पर दिनानुभवों को प्रदान करने योग्य काय्रक्रमों के आयोजन करने का ही प्रयास हो। यह भी सोचने की बात है कि एक दिवस का आचरण उसी दिन पर सीमित रखने की ज़रूरत है, इसकी तैयारियाँ या प्रक्रियाएँ कुछ दिन/कुछ हफ्ते/महीने पहले शुरू कर सकते हैं, ऩ?हिंदी मंत्रणसभा,कोट्टारक्कराhttp://www.blogger.com/profile/16913477778229422204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552466585564970336.post-58019230933225869032013-07-28T18:07:03.414+05:302013-07-28T18:07:03.414+05:30This comment has been removed by the author.This comment has been removed by the author.മനോജ്കുമാര് പെരിന്തല്മണ്ണhttp://www.blogger.com/profile/13911650285938512702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552466585564970336.post-12408235857027285072013-07-28T08:51:51.823+05:302013-07-28T08:51:51.823+05:30സ്ഥിരം പരിപാടികള് ഒഴിവാക്കി എങ്ങിനെ പ്രേംചന്ദ് ജയ...സ്ഥിരം പരിപാടികള് ഒഴിവാക്കി എങ്ങിനെ പ്രേംചന്ദ് ജയന്തി ആഘോഷിക്കും എന്നാലോചിച്ച് നില്ക്കുമ്പോഴാണ് ഹിന്ദി ബ്ലോഗിലെ പോസ്ര്ര് കണ്ടത്. വളരെ സന്തോഷം തോന്നി.ഒരുപാട് നന്ദിYadu Krishnahttp://www.blogger.com/profile/04427558016123476524noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552466585564970336.post-45181894400405617492013-07-28T08:00:30.723+05:302013-07-28T08:00:30.723+05:30Thank u so much for your post.it is very helpfulThank u so much for your post.it is very helpfulgosaayihttp://www.blogger.com/profile/14057070574912965099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552466585564970336.post-60900046347382506372013-07-28T07:32:52.924+05:302013-07-28T07:32:52.924+05:30ഹിന്ദി അദ്ധ്യാപകര് വായിക്കും,പ്രാവര്ത്തികമാക്കും...ഹിന്ദി അദ്ധ്യാപകര് വായിക്കും,പ്രാവര്ത്തികമാക്കും,പ്രതികരിക്കും എന്നു പ്രതീക്ഷിക്കുന്നു.കൃത്യമായ പ്രതികരണങ്ങളും ഇടപെടലുകളും സ്വയം മെച്ചപ്പെടാനും മറ്റുള്ളവരെ മെച്ചപ്പെടുത്താനും ഉപകരിക്കും.ഹിന്ദിയെ സ്നേഹിക്കുന്ന ഏവര്ക്കും സ്വാഗതം...hindibloghttp://www.blogger.com/profile/09098157638415003987noreply@blogger.com