जैसलमेर किला |
हमने इस शंका के समाधान ढूँढ निकालने के लिए बहुत प्रयास किया । यू-ड्यूब से मिली वीडियो में (सोनार - कोल्ला) स्पष्ट रूप से लाल मोहन गांगुली फेलूदा से कहते हैं कि वे (गांगुली) जटायु नाम से लिखा करते हैं। उनका छद्म नाम है जटायु । (छद्म नाम माने തൂലികാ നാമം, उपनाम) तो गांगुली और जटायू एक ही व्यक्ति है। सोने का किला उपन्यास में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि लाल मोहन गांगुली और तोप्से (तपेष) की सबसे बड़ी इच्छा यह थी कि मरुस्थल में ऊँट पर सवारी करना। आशा है पाठ-पुस्तिका सनिती के कोई मित्र इसपर और स्पष्टीकरण देंगे। (सोने का किला (उपन्यास - हिंदी) प्रकाशक-राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली। पेपर बैक –Pages 120 Price Rs. 100) ........................................................................................................................................ ये भी पढ़ें। ऊँट बनाम रेलगाड़ी - सहायक सामग्री 2 ऊँट बनाम रेलगाड़ी - सहायक सामग्री 3 ऊँट बनाम रेलगाड़ी - सहायक सामग्री 4 |
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ReplyDeleteഇതൊക്കെ ആർക്കാ അറിയാത്തത്! ഹല്ല പിന്നെ!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद
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