1.तालिका की पूर्ति :
पाठ |
प्रोक्ति
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रचयिता
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मेरा
सबकुछ अप्रिय है उनकी नज़र
में
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कविता
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निर्मला
पुतुल
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सिपाही
की माँ
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एकांकी
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मोहन
राकेश
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मेमना
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कहानी
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लोकबाबू
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ऐसा
था मेरा बचपन
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आत्मकथा
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ओमप्रकाश
वाल्मीकि
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2. सही क्रम से लिखें
- मुन्नी डाकवाली गाड़ी की आवाज़ सुनकर बाहर चली जाती है।
- मुन्नी निराश होकर लौटती है।
- बिशनी चिट्ठी के बारे में पूछती है।
- केवल चौधरी का पिंसन का मनिआर्डर आया है।
- अच्छे बीजों की तलाश करनेवाला ।
- अन्याय के प्रति आवाज़ उठानेवाला ।
सूचना:उचित उत्तर चुनकर लिखें :
4. परिहास करना
5. हेडमास्टर ने
6. मानक की
7. गाँधीजी
सूचना :8 से 10 तक के प्रशनो में से किन्हीं दो के उत्तर लिखें
8. हम इससे सहमत नही । चुहडा होने के कारण ओमप्रकाश को कक्षा में बैठकर पढ़ने का अवसर कलीराम ने नही दिया। छात्रों के प्रति कलीराम का यह मनोभाव एक हेडमास्टर के लिए उचित नही है ।
9. हिरोशिमा में अणुबम फटने के कारण वहाँ के मानव की मृत्यु हुई । इधर कवि ने प्रतीकात्मक रूप से ऐसा कहा होगा ।
10. किसान को खेती केलिए कोई लाभ नही मिलता । इसलिए उनको खेती छोड़कर अन्य काम केलिए शहर जाना पड़ता है । नये काम केलिए जाते किसान का मनोभाव यहाँ प्रकट है ।
संशोधन :
11. डिब्बे में शेष सभी यात्रियों का ध्यान इनकी ओर ही था । उनकी सहानुभूति किसान की ओर थी ।
बहुवचन में बदलकर वाक्य का पुनर्लेखन :
12. लड़कियाँ स्कूल जाती हैं ।
योजक का प्रयोग :
13. सूरज निकला ओर प्रकाश फैल गया ।
14. मिलजुलकर
15. एकता
16. वन में खुशी से रहते पक्षियों का वर्णन है यह कविता । खंजन, कपोत, चातक,कोकिल, काक, हंस, शुक आदि सब मिलजुलकर वहाँ रहते हैं। पक्षियों का घर आसमान हैं । उनकी इच्छा के अनुसार वे कहीं जाते हैं । वन में उनको आजादी काफ़ी हैं ।
17. सागर ओर नदियों से जल, वाष्पीकरण द्वारा बादलों का रूप धारण करता है ।
18. पृथ्वी सब्द - संज्ञा है ।
19. वर्षा के बाद तालाबों,पोखरों,झीलों,आदि में जल पहुँचता है ।
20. क्रिया सब्द - गिरता , रुक जाता
21. इसका मैं प्रयुक्त सर्वनाम है - यह
22. पोस्टर :
मंगलवार
24. गांधीजी और अहिंसा
गाँधीजी की राय में अहिंसा तो बिना मारे या चोट पहुँचाए 'करने या मरने ' का तरीका हैं । इसके इस्तमाल करने में धन की ज़रूरत नहीं है। अहिंसा के मार्गे में पराजय नाम की कोई चीज़ नही । इसमें विनाशकारी हथियार भी नही होना चाहिए । इस तरीके से लोगों को कोई नुकसान भी नही पहुँचेगा । गाँधीजी विश्व मैत्री और शांती में विश्वास करते हैं ।
25.ओमप्रकाश का पत्र :
कैसे हो ? मैं तुमसे एक बात कहना चाहता हूँ । पिछले हफ्ते एक नये स्कूल में प्रवेश किया । वहाँ से मुझे कूछ बुरे अनुभव हुए । स्कूल का हेडमास्टर का नाम है कलीराम । वे अपने नाम जैसे क्रूर स्वभाव वाला एक आदमी है। उन्होंने मुझे क्लास में बैठकर पढ़ने का अवसर नहीं दिया । तीन दिन मुझसे उन्होंने स्कूल में झाडू लगाया । ये सब मैं चुहडे होने के कारण . . तीसरे दिन शामको मेरे पिताजी ने यह दृश्य देखा । इसके बारे में पूछने पर हेडमास्टर ने पिताजी को धमकाया । लेकिन पिताजी ने निर्भय से उनको सही जवाब दिया । पिताजी का साहस और यह घटना मैं भूल नहीं सकता ।
आपका प्रिय मित्र नाम
(हस्ताक्षर )
बढिया काम शरतजी शुक्रिया।
ReplyDeletemssanthoshpalazhi@gmail.com
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletesarath ji,badiyaa kaam...achaa prayaas bhi....badhaayiyaam..
ReplyDeletesarth saab..aapka prayas tho zaroor prasamsaneey hei..dhodee vyakaranik thrutiyaan tho hei..magar koyee baath naheen,,aage baddo..hum peeche hei..Dhanyavaad
ReplyDeleteCongratulations
ReplyDeleteCongratulations
ReplyDeleteशरत् सर ,कमाल है आप का कलाम...
ReplyDeleteइसीलिए तो आप को मेरा सलाम...
शरत् सर ,कमाल है आप का कलाम...
ReplyDeleteइसीलिए तो आप को मेरा सलाम...
बधाइयाॅ।
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