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Saturday, November 16, 2013

वह तो अच्छा हुआ


इकाई तीन
नज़रें - नज़ारें
वर्तमान समाज शहरीकरण के चंगुल में है। इसके प्रभाव से मानव में मानवीय गुण कम हो रहा है। स्वार्थ के कारण शहरी जीवन में सामाजिक अंतर्विरोध बढ़ गया है। मानव के नज़रें-नज़ारे बदल रहे हैं। इसका नतीजा क्या होगा? तीसरी इकाई में भागवत रावत की कविता "वह तो अच्छा हुआ" यशपाल की प्रसिद्ध कहानी "आदमी का बच्चा", नादिरा ज़हीर बब्बर का एकपात्रीय नाटक "सकुबाई" इस उलझन को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही चुटकुले, यात्राविवरण, पारिभाषिक शब्दावली, आदि अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

इस इकाई से परिचय पाएँ:
  • जीवन को संघर्षमुक्त करने के लिए औरों से हार्दिक संबंध रखने की आवश्यकता से अवगत हो
  • शहरीकरण के कारण नष्ट हो रही सामूहिकता की भावना की ओर ध्यान आकृष्ट करें
  • समाज के साथ स्वस्थ संबंध जोड़ने की आवश्यकता पर ज़ोर दें
  • यात्राविवरण से विभिन्न प्रांतों के लोगों के रहन-सहन, प्राकृतिक दृश्यों की सुंदरता एवं संस्कृति की जानकारी प्राप्त करें।
  • समकालीन कविता का भाव, भाषिक संरचना आदि का परिचय प्राप्त करें।
  • कहानी का आशय, भाषा-शैली, चरित्र-चित्रण, प्रासंगिकता एवं संभावनाएँ समझें।
  • चुटकुलों की भाषापरक विशेषताएँ समझें।
  • परसर्गों का सही प्रयोग समझें।
  • भूतकालीन क्रियाओं के प्रयोग में दृढ़ीकरण करें।
  • कार्यालय संबंधी पारिभाषिक शब्दों का परिचय प्राप्त करें।
  • यात्राविवरण की भाषा-शैली का परिचय पाएँ।
वह तो अच्छा हुआ

आशय: शहरीकरण से सामूहिकता की भावना नष्ट हो रही है।
समकालीन कविता का भाव, भाषिक संरचना आदि का परिचय प्राप्त करना
सहायक सामग्री: चार्ट, चित्र

प्रवेश प्रक्रिया: शहरीकरण के प्रभाव से मानव मन से नष्ट होनेवाली मानवीयता की चर्चा करनेलायक घटना/रपट/विवरण/चित्र प्रस्तुत करें। जैसे:

प्रश्न करें:
? यह कहाँ पर घटित घटना है?
? लोग क्या कर रहे हैं?
? क्या आप अनुमान कर सकते हैं यहाँ क्या हुआ है?
? लोगों के मन में किस मनोभावना की कमी है?
? यहाँ आप होंगे तो क्या करते?

शहरीकरण ने व्यक्तियों के बीच दरारें बनाई हैं। प्रत्येक व्यक्ति एक समाज होता है। वह अपने में सिमट जाता है। वह महसूस करता है- मैं अकेला हूँ। इस अकेलेपन के घेरे में पड़े वह सामाजिक दायित्व के प्रति अपनी आँखें मूँद लेता है यानी निष्क्रिय बन जाता है। माध्यम ऐसे माहौल का फायदा उठाता है। समाज में उनका बोलबाला है। अत: यहाँ खबरें बनती नहीं, बनाई जाती हैं। भगवता रावता की कविता "वह तो अच्छा हुआ" यही बताती है।शहरीकरण के कारण मानव सद्गुणों से वंचित रहता है।देखें- कविता क्या कहती है।

पहला अंतर :
वाचन प्रक्रिया:
(नगर की जिस..........डर फैल रहा था)
? नगर की गली कैसी थी?
? "उस गली का नाम नगरपालिका में नहीं था"- क्यों?
? "बच्चे के गिर पड़ने से गली और संकरी हो गई थी"- इससे आप क्या समझते हैं?
? किसी को गिरा देखने पर पहले हम क्या करेंगे?
? बच्चे का रोना मन में कैसा भाव पैदा करता है?
? "देश का भविष्य" प्रयोग कवि का मतलब क्या है?
? शहरी लोगों के मन में गली के बच्चों के प्रति कैसा मनोभाव है?
छात्र उत्तर दें।
लेखन प्रक्रिया
* "संकरी-गंदी गली के बच्चे देश का भविष्य बन सके" इसपर दो मित्रों के बीच का वार्तालाप तैयार करें।
लेखन प्रक्रिया चलाएँ..........
वैयक्तिक रूप से लिखें।
दल में प्रस्तुति, चर्चा।
दल में परिमार्जन ।
दलों द्वारा प्रस्तुति।

अध्यापक की अपनी प्रस्तुति।

वार्तालाप
रमेश : तुम क्या पढ़ रहे हो?
उमेश : यह महान व्यक्तियों की जीवनी है।
रमेश : इसमें ऐसी खास बात क्या है?
उमेश : इनमें से अधिकांश गरीब परिवार के थे। उन्हें स्कूल जाने का मौका भी नहीं मिला था।
रमेश : फिर वे कैसे ऊँचे पद पर आ गए?
उमेश : वे संकरी गली में अभावों के बीच रहते थे। मेहनत से, आत्मबल से, जीवन अनुभव से वे आगे-आगे आ गए।
रमेश : उनका जीवन संदेश क्या होता है?
उमेश : यदि जन्म गली में हो, जीवन अभावग्रस्त हो ऐसे बच्चे हमेशा गली के नहीं बन जाएँगे। उनका भी एक भविष्य है। उनसे देश का भविष्य उज्ज्वल रहेगा।
रमेश : यह किताब ज़रा मुझे भी दे दो।
उमेश : कल दे दूँगा।

अतिरिक्त कार्य:
  • संकरी-गंदी गली के बच्चे देश का भविष्य बन सके- इसके लिए आपके क्या सुझाव है?
अगला अंतर :
बच्चो, हमने देखा कि संकरी-गंदी गली में फिसलकर गिरे बच्चे को उठाने के लिए कोई भी आगे नहीं बढ़ा। क्योंकि गली के बच्चे हमेशा "गंदे" होते हैं। अत: उठानेवाले भी गंदे बन जाएँगे। लोगों में सहानुभूति, अनुताप जैसे गुणों का नितांत अभाव है।
वाचन प्रक्रिया:
(यह बात फैलते........वरना...?)
सहायक प्रश्न पूछें -
? बच्चे के गिरने की बात अखबारवालों तक कैसे पहुँची?
? अखबालवालों ने कैसी खबर बनाई?
? "बच्चा गिरना" और "बच्चा छोड़ा जाना" में क्या अंतर है?
? चैनलवाले भी हो तो वे क्या करते होंगे?
? "संयोग यह भी था कि उसी समय नगरपालिका में
? महापौर का शपथ-समारोह था"- कवि ने शपथ-समारोह का उल्लेख क्यों किया?
? बच्चे की माँ क्यों बाहर आई थी?
? "वह तो अच्छा हुआ कि इसी बीच बच्चे की माँ
? बीड़ी बनाते-बनाते कचरा फेंकने बाहर आई"- कवि ने क्यों कहा है कि "वह तो अच्छा हुआ"?
? "बच्चे को दो झापड़ रसीद कर"- बच्चे की माँ ने बच्चे को क्यों झापड़ दिया?
? यह प्रतिक्रिया किस के विरुद्ध हो सकती है?
? यदि माँ बच्चे को नहीं देखती तो क्या होता?
? बच्चा किसका प्रतिनिधित्व करता है?
? कविता में कवि ने बिंबात्मक वर्णन किन किन पंक्तियों में किया है?
? क्या यह कविता प्रासंगिक है?
? इस कविता पर आपका दृष्टिकोण क्या है?
छात्र उत्तर दें।
चर्चा चलाएँ ।

लोगों में सहानुभूति, अनुताप जैसे गुणों का नितांत अभाव है।
लेखन कार्य चलाएँ..........
वैयक्तिक रूप से लिखें।
दल में प्रस्तुति, चर्चा।
दल में परिमार्जन ।
दलों द्वारा प्रस्तुति।
बच्चे के गिरने की बात फैलते-फैलते अखबारवालों तक पहुँची। अगले दिन के समाचार पत्र में इसके संबंध में रपट आई । वह रपट कल्पना करके लिखें।
अध्यापक की अपनी प्रस्तुति ।
अतिरिक्त कार्य:
"आजकल खबरें बनाई जाती हैं, बताई नहीं जातीं।" अपना विचार किसी प्रोक्ति में तैयार करें।
? लेखन प्रक्रिया:
? यह कविता आपको कैसी लगी? आस्वादन टिप्पणी लिखें।

आस्वादन टिप्पणी
वह तो अच्छा हुआ

समकालीन हिंदी कविता के श्रेष्ठ कवियों में एक,श्री भगवत रावत की बहुचर्चित कविता है-वह तो अच्छा हुआ।आधुनिक मानव की निर्ममता,संवेदनहीनता आदि उनकी कविता का मुख्य विषय है।उनकी कविता विशेष अर्थ में सामाजिक ,सांस्कृतिक विमर्श की कविता है।उन्होंने इस कविता में अपने समय की जटिलताओं का चित्रण किया है।
कवि कहते है - नगर की संकरी गंदी गली में पैर फ़िसलकर गिरा हुआ बच्चा वहाँ पड़ा रो रहा था। वह गली तो गरीब लोगों की है,इसलिए ही उस गंदी गली का नाम नगरपालिका में नहीं था।वह गली इतनी संकरी थी कि बच्चे के गिर पड़ने से लोगों का वहाँ से होकर आना-जाना मुश्किकल हो गया।यदि कोई गंदगी में लिपटे बच्चे को गोद में उठाकर प्यार करे तो वह चुप हो जाएगा।लेकिन इसकी हिम्मत या फुरसत किसी को नहीं थी।
कवि यहाँ वर्तमान समाज का वास्तविक चित्र प्रस्तुत करते है।कोई किसी को भी सहारा न देकर भीड़ में अकेला हो रहा है।ऊपर से देखने पर वलगता है कि आधुनिक समाज में सभी मानव एक साथ मिलकर रहते हैं ।लेकिन असलियत यह है कि उनके बीच कोई मानसिक निकटता नहीं है।सब अपने स्वार्थमय लक्ष्य की ओर त्वरित गति से चलने मात्र में उत्सुक है।
कुछ लोग दूर से बच्चे को देख रहे थे। लेकिन उनका विचार यह था कि उस गरीब बच्चे को गोद में उठाने पर गंदगी फैलने के अलावा कोई फायदा नहीं।यहाँ कवि आधुनिक समाज की संवेदनहीनता की ओर संकेत करते हैं। सभी मानव मूल्यों के ऊपर धन को प्रतिष्ठित कपर दया, सहानुभूति,संवेदनहीनता सब कुछ विस्मृत हो जाते है।
वर्तमान परिस्थिति में एक बड़ा उद्योग बन गये समाचार पत्र और दृश्यमाध्यमों के सत्यभंग की और भी यहाँ कवि करारी चोट की है।आज की मीडिया किसी किसी भी त्रासदी को उत्सव बनानेवाले है।उन्हें ताजा समाचार मिलना ही काखी है।संप्रेषित समाचार की सचाई के बारे में उन्हें कोई चिंता नहीं।वास्तव में बच्चा गंदगी में पैर फिसलकर गिरा है।लेकिन अखबारवालों में बात इस तरह पहूँची कि किसी ने नगर की संकरी-गंदी गली में रोता हुआ बच्चा छोड़ दिया है।चैनलों के प्राचुर्य के बारे में भी यहाँ कवि संकेत करते है।

एक कविता तभी समसामयिक मानी जाती है जब वह तत्कालीन समस्याओं का संबोधन करती है।"वह तो अच्छा हुआ "वर्तमान समाज की ज्वलंत समस्या पर लिखी गयी कविता है।उसकी अधिकाँश घटनाएँ आज के समाज में हमारे सम्मुख होनेवाली है।
जिस गली में बच्चा गिरकर रो रहा था उसका नाम अगर नगरपालिका में उल्लिखित नही है तो इसका मतलब है कि वह गली उपेक्षा,निंदा औरक तिरस्कार का शिकार हो चुकी थी।"गली और संकरी हो जाती है “- इस प्रयोग से यह व्यक्त है कि पहले ही गली संकरी थी।इसका प्रमुख कारण विकास का अभाव था।"आ धमकना “- चैनलवालों के आने के तरीके को सूचित करता है।कवि यह संकेत करता है कि महापौर के शपथ समारोह के आगे एक गरीब छोकरे के गिर जाने का कोई मूल्य नहीं।कवि ने सौभाग्य -शब्द का प्रयोग भी व्यंग्य रूप से किया है।
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भाषा की बात:
  • ये पंक्तियाँ पढ़ें:
"बाघों के जुठारने से तो
कभी दूषित नहीं हुआ तुम्हारा जल""
प्रश्न पूछकर इन पंक्तियों से वाक्यों का पल्लवन करें।
जैसे: ? प्रश्न: किसका जल?
तुम्हारा (नदी का) जल
? क्या दूषित नहीं हुआ?
दूषित नहीं हुआ तुम्हारा जल
? किससे दूषित नहीं हुआ तुम्हारा जल?
जुठारने से दूषित नहीं हुआ तुम्हारा जल
? किसके जुठारने से दूषित नहीं हुआ तुम्हारा जल?
बाघों के जुठारने से दूषित नहीं हुआ तुम्हारा जल।
इस प्रकार के अभ्यास कराने के लिए आवश्यक उदाहरण छात्रों को दें, छात्र वाक्यों का पल्लवन करें।
उदा:
कुछ/ लोग/फ़ुरसत में/यह दृश्य/दूर से/देख रहे थे
  • देख रहे थे।दूर से देख रहे थे।
  • यह दृश्य दूर से देख रहे थे।
  • फ़ुरसत में यह दृश्य दूर से देख रहे थे।
  • लोग फ़ुरसत में यह दृश्य दूर से देख रहे थे।
  • कुछ लोग फ़ुरसत में यह दृश्य दूर से देख रहे थे। 
    टी.बी. पृ. संख्या 66 के प्रश्न के आधार पर वाक्य बनाएँ।
हमने क्या किया ?
  • समस्या का अवबोध कराया
  • वाचन कराया, विश्लेषणात्मक प्रश्नों के उत्तर देने का मौका दिया
  • वार्तालाप पढ़ने का अवसर दिया।
  • आस्वादन टिप्पणी लिखवाई
  • टीचर वर्शन प्रस्तुत किया, संशोधन कार्य चलाया
  • अतिरिक्त कार्य करने का निर्देश दिया, कक्षा में प्रस्तुत करवाया
  • वाक्य पल्लवन करने का अवसर दिया

4 comments:

  1. Very useful to us. This notes are very useful to our students also Thanks.......... . No words to convey thanks, God bless u . Suma teacher, gghs chalakudy

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  2. THIS is Very useful to US. This notes are very useful to our students also Thanks.

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  3. ओम प्रकाश वाल्मीकी जी അന്തരിച്ചു എന്ന് ഇന്നലത്തെ(നവംബർ 19 )മാതൃഭൂമി പേപ്പറിൽ ഒട്ടും പ്രാധാന്യമില്ലാതെ ചരമക്കോളത്തിൽ കൊടുത്തത് കണ്ടിട്ടു വിഷമമായി.നമ്മുടെ hindi blogലൂ ടെ
    ആ മഹാനായ സാഹിത്യകാരനു ആദരാഞ്ജലികൾ അർപ്പിക്കാം . ओम प्रकाश जी യെ കുറിച്ചുള്ള പോസ്റ്റുകൾ പ്രതീക്ഷിച്ചുകൊണ്ട് ..........

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