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Thursday, August 08, 2013

बावूलाल तेली की नाक



പണത്തിന്റെ പിന്നാലെയുള്ള നെട്ടോട്ടം മൂലം ഡോക്ടര്‍മാരോട് സമൂഹത്തിന് മുന്‍പുണ്ടായിരുന്ന ആദരം ഇന്ന് കുറഞ്ഞുവരുന്നു. ചികിത്സാരംഗത്ത് വ്യാപിച്ചിരിക്കുന്ന അഴിമതിയേയും കച്ചവടവത്കരണത്തേയും 'ബാബുലാല്‍ തേലിയുടെ മൂക്ക്'എന്ന ഫലിതരസപ്രധാനമായ ഈ കഥ നമുക്ക് തുറന്നു കാട്ടിത്തരുന്നു. സഹജീവികളുടെ വേദന കണ്ടുരസിക്കുന്ന, പ്രതികരണശേഷി കാട്ടാത്ത മനുഷ്യര്‍,വരാനിരുന്നത് ഇതിലും വലുതായിരുന്നെന്നും ഇങ്ങനെ അവസാനിച്ചത് മഹാഭാഗ്യമെന്നും ചിന്തിക്കുന്നവര്‍, ആവശ്യമില്ലാത്ത ടെസ്റ്റുകള്‍ക്ക് നിര്‍ബന്ധിക്കുന്ന ആശുപത്രികള്‍, സൂക്ഷ്മതലത്തിലുള്ള ചികിത്സ മാത്രം ഏറ്റെടുക്കുന്ന സ്പെഷ്യലിസ്റ്റുകള്‍, സര്‍ക്കാര്‍ മേഖലയില്‍ നിന്ന് സാദരം സസ്പെന്‍ഷന്‍ ഏറ്റുവാങ്ങി പ്രൈവറ്റ് ക്ലിനിക്ക് നടത്തുന്ന ഡോക്ടര്‍മാര്‍, സര്‍ക്കാര്‍ ജോലിയുടെ ഏറ്റവും വലിയ ഗുണം എന്തിനും സര്‍ക്കാരിന്റ തുണയുണ്ടാകുമെന്നതാണെന്ന് വിശ്വസിക്കുന്നവര്‍, എന്തിനുമേതിനും സഭകള്‍ വിളിച്ചുചേര്‍ത്ത് പ്രഭാഷണങ്ങളുടെ കെട്ടഴിക്കുന്നവര്‍ എന്നിങ്ങനെ കഥാകാരന്റെ പരിഹാസം ഏറ്റുവാങ്ങുന്നവര്‍ അനവധി. ഈ കഥയിലെ രസകരമായ നാലു സന്ദര്‍ഭങ്ങളുടെ ചിത്രീകരണം നിര്‍വഹിച്ചത് കാര്‍ത്തിക കറ്റാനം എന്നറിയപ്പെടുന്ന പ്രശസ്ത കാര്‍ട്ടൂണിസ്റ്റു കൂടിയായ ശ്രീ കാര്‍ത്തികേയന്‍ മാസ്റ്ററാണ്. കൊട്ടാരക്കര വിദ്യാഭ്യാസ ജില്ലയിലെ ശൂരനാട് ഗവ. ഹയര്‍സെക്കന്ററി സ്കൂളിലെ ചിത്രകലാധ്യാപകനായ അദ്ദേഹത്തോടുള്ള നന്ദിയും ഈ അവസരത്തില്‍ അര്‍പ്പിക്കുന്നു. ഈ പോസ്റ്റിലുള്ള സൂചകങ്ങളോടൊപ്പം നിങ്ങള്‍ ഓരോരുത്തരുടെയും അനുഭവസമ്പത്തും പഠന തന്ത്രങ്ങളും ചേരുമ്പോള്‍ മികച്ച ടീച്ചിംഗ് മാനുവലുകള്‍ രൂപം കൊള്ളുക തന്നെ ചെയ്യുമെന്ന് ഞങ്ങള്‍ക്കുറപ്പുണ്ട്.

समस्या : स्वास्थ्य व सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अभाव।
समस्यापरक : इलाज के क्षेत्र में कई तरह के शोषण हैं।
भाषापरक :
  1. व्यंग्य कहानी से परिचय पाना।
  2. समसामयिक समस्याओं पर तीखा प्रहार करनेलायक चुटीली भाषा का प्रयोग समझना।
  3. सर्वनाम के साथ कारक चिह्नों का प्रयोग।
सहायक सामग्री: समाचार या वीडियो दृश्य (सड़क दुर्घटना का), पाठभाग से संबंधित एक रपट, सर्वनाम और कारक का चार्ट ।

पहला अंतर
        किसी एक सड़क दुर्घटना का समाचार ( नमूना ) प्रस्तुत करें।
सड़क दुर्घटना में 7 पुलिसकर्मियों की मौत
कोलकत्ता  :  पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी जिले में रविवार को पुलिस का एक वाहन एक ट्रक से टकरा गया , जिससे सात  पुलिसकर्मियों की मौत हो गई । घायल पुलीसवाले घंटों तक सडक पर पडे रहना ही मौत की संख्या बढ़ने का कारण मानते है। दुर्घटना में घायल एक अन्य पुलिसकर्मी अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है। एक घायल पुलिसवाले ने कहा कि जब दुर्घटना हुई तब लोग केवल दर्शक होकर खडे रहे थे और कुछ अपने मोबैल पर घटना का शूटिंग कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जाएगी,लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि दोनों वाहन तीव्र रफ्तार से जा रहे थे।ट्रक चालक दुर्घटना  के बाद फरार हो गया।
 ऐसा समाचार दें:
  • घायल पुलीसवालों का घंटों तक सड़क पर पड़ा रहना।
  • भीड़ का आत्मकेंद्रित स्वभाव पर आधारित वर्णन।
  • पुलीसवालों का बिना सहायता से मर जाना।
  • मोबैल फोन पर फोटो खींचना ।
 रपट के आधार पर प्रश्न पूछें -
            ? पुलीसवालों की मृत्यु कैसे हुई ?
            ? दुर्घटना देखकर लोगों का व्यवहार कैसा था ?
            ? लोग ऐसा बर्ताव क्यों करते हैं ?
            ? यदि आप उस जगह होते तो क्या करते ?
छात्रों को प्रतिक्रिया का अवसर दें।
संक्षिप्तीकरण
आधुनिक मानव आत्मकेंद्रित है। वह केवल अपने ही बारे में सोचता है, करता है, बोलता है....
बच्चो, अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाए एक भले आदमी की हालत बाबूलाल तेली नामक पात्र द्वारा व्यंग्य शैली में स्वयंप्रकाशजी हमसे कहते हैं। ज़रा पढ़ें।
    बाबूलाल तेली की नाक कहानी का वाचन करें।
    (एक दिन.......... .......... ............. .........जाना ही पड़ेगा ।)

वाचन प्रक्रिया
        रेखाचित्र का वाचन करें। ( वाचन प्रक्रिया ) छात्र सस्वर वाचन। वाचन का आकलन।
        वाचन प्रक्रिया का निर्धारण  करें ।
        आशय ग्रहण के लिए सहायक प्रश्न पूछें -
            ? बाबूलाल तेली को किससे मार खाना पड़ा ?
            ? "यही उनके पिटने का कारण था।" पिटने का कारण क्या था ?
            ? "बाबूलाल तेली जैसे हर व्यक्ति को उसे जानना चाहिए और उससे डरना भी चाहिए।"
               यह किसका विचार  था ?
            ? "...शुक्र है उनकी गर्दन ही नहीं दबा दी गई।" बाबूलाल तेली ऐसा क्यों सोचते हैं ?
            ? अधेड़ आदमी को निर्दयता से पीटते देखकर लोगों की प्रतिक्रिया क्या थी ?
            ? यहाँ अधेड़ आदमी को पीटते देख बाबूलाल तेली ने क्यों आवाज़ उठाई ?
            ? सामाजिक प्रतिक्रिया जगाने के लिए हम क्या कर सकते हैं ?
            ? "कमीज़ खराब हो रही थी। कमीज़ खराब होते देख कमज़ोरी-सी महसूस होने लगी।"
               यहाँ निहित व्यंग्य क्या है ?
            ? "अस्पताल जाना ही पड़ेगा"। ऐसा क्यों कहा गया है?
            ? "....इस स्थिति में टेंपो-रिक्शावाले भी पता नहीं उन्हें बैठाएँ या नहीं।" ऐसा क्यों कहा गया है ?
        बच्चों को प्रतिक्रिया का अवसर दें।
                " अकेले हो या सामूहिक, अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठानी ही चाहिए।
                लेकिन अकेली आवाज़ से भी असरदार सामूहिक आवाज़ ज़रूर होती है।
                समाज को जगाने के लिए तेली जैसे एक ही काफी है। "
            ? अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाए तेली को क्या हुआ होगा ?
" एक बलिष्ठ व्यक्ति ने बाबूलाल तेली की नाक पर ज़ोरदार घूँसा जड़ दिया।  "भीड़ में खड़े दो लोगों के बीच में हुए वार्तालाप तैयार करें।
        लेखन प्रक्रिया
वार्तालाप            
                    पहला आदमी     : ….............................................
                    दुसरा आदमी     : ….............................................
                    पहला आदमी     : ….............................................
                    दुसरा आदमी     : ….............................................
                    पहला आदमी     : ….............................................
                    दुसरा  आदमी    : ….............................................
                    पहला आदमी     : …..............................................
                    दुसरा   आदमी   : ….............................................
 अगला अंतर
        (सामने ही.......... …............ ….........ठगे गए हैं।)
 
  वाचन प्रक्रिया
        उपरोक्त सूचित पाठभाग का वाचन करें। ( वाचन प्रक्रिया ) छात्र सस्वर वाचन। वाचन का आकलन।
        वाचन प्रक्रिया का निर्धारण  करें ।
        आशय ग्रहण के लिए सहायक प्रश्न पूछें -
        ? "लिखा न होता अस्पताल वह पाँच सितारा होटल लगता।" इससे आप क्या समझते हैं?
        ? "...यह अस्पताल उनके स्टैंडर्ड का नहीं था।" इसका मतलब क्या है?
  •         बच्चों को प्रतिक्रिया का अवसर दें।
  •         विचारों के आदान-प्रदान और शंका समाधान का अवसर दें।
  •         शेष शंकाओं को पूरी कक्षा में सुनाएँ।
  •         दूसरे दलों द्वारा शंकाओं का समाधान करवाएँ।   
  •           और भी कोई शंका बाकी है तो उचित सूचनाओं और प्रश्नों के ज़रिए सुलझाएँ।
छात्रो, चिकित्सा के क्षेत्र में कई बुरी प्रवृत्तियाँ दिखाई पड़ती हैं। इसपर एक टिप्पणी तैयार करें।
            सहायक बिंदु
  • बाज़ारी प्रवृत्ति
  • अनावश्यक टेस्ट
  • इधर-उधर चक्कर लगवाना
        लेखन प्रक्रिया। वैयक्तिक रूप से लिखें।
  •      दल में प्रस्तुति, चर्चा।
  •      दल में परिमार्जन ।
  •      दलों द्वारा प्रस्तुति।
    अध्यापक की अपनी प्रस्तुति।
चिकित्सा के क्षेत्र में नैतिकता का अभाव
आजकल चिकित्सा के क्षेत्र में बाज़ारी प्रवृत्ति बढ़ रही है। अस्पतालवाले मरीज़ की नहीं, अपनी भलाई चाहते हैं ।  रोग - निर्णय के नाम पर खर्चीले तथा बेकार टेस्ट करवाए जाते हैं   फिर भी रोग का निर्णय नहीं किया जाता। कई दिनों तक चिकित्सा के बहाने इलाज करके अंत में उन्हें छोड़ देते हैं। भारी रकम खर्च करने पर भी मरीज़ रोगमुक्त नहीं होते। वास्तव में इलाज एक पवित्र कार्य है। अस्पतालवालों की इस मनोवृत्ति ज़रूर बदलनी है।

            किसी एक दल की उपज का संशोधन।
            हस्तान्तरण करके अन्य दलों की उपजों का संशोधन।
 लेखन प्रक्रिया
  •  अनुबद्ध कार्य: बाबूलाल तेली और रिसेप्शन में बैठी लड़की के बीच का वार्तालाप तैयार करें।
अगला अंतर
        (इसके बाद.................................ज़रूरी था।)

            पिछले दिन में दिये गये अनुबद्ध कार्य की प्रस्तुति ।
            चुनिंदे उपजों का संशोधन ।
घंटों तक अस्पताल में चक्कर काटकर भी तेली को पर्याप्त चिकित्सा नहीं मिली। अस्पताल का बिल देखकर बाबूलाल तेली ने क्या सोचा होगा?
    वाचन प्रक्रिया
        निर्दिष्ट पाठभाग का वाचन करें। ( वाचन प्रक्रिया ) छात्र सस्वर वाचन।
        वाचन का आकलन।
        वाचन प्रक्रिया का निर्धारण  करें ।

    आशय ग्रहण के लिए सहायक प्रश्न पूछें -
        ? लालूराम तेली कौन था?
        ? डॉक्टर लालूराम तेली ने बाबूलाल तेली की चिकित्सा कैसे की थी?
        ? इलाज के संबंध में सहकर्मियों का मत क्या था?
        ? दफ्तरवालों ने सरकारी अस्पताल में इलाज करने का सुझाव क्यों दिया?
        ? लालूराम ने क्यों हाथ खड़े कर दिए?

"किसी ने इस बीच डॉक्टर की लापरवाही शीर्षक से एक स्थानीय समाचार पत्र में खबर छपवा दी थी,....."।
वह समाचार कैसा होगा ?कल्पना करें और समाचार तैयार करें।"
  •  लेखन प्रक्रिया।
  • वैयक्तिक रूप से लिखें।
  • दल में प्रस्तुति, चर्चा।
  • दल में परिमार्जन ।
  • दलों द्वारा प्रस्तुति।
अध्यापक की अपनी प्रस्तुति।
 मरीज की मौत, डॉक्टर पर एफ.आइ.आर
 इलाहाबाद , अगस्त १४  :  कचेहरी रोड में स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती नगर निगम में सफाई कर्मी  श्री.भारत लाल की मौत से नाराज परिजनों ने बुधवार देर रात जमकर हंगामा किया। घरवालों ने डॉक्टर पर  लापरवाही पूर्वक इलाज करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की । सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस को देख लोग भड़क उठे और कार्रवाई की मांग शुरू कर दी। हालांकि बाद में पुलिस ने अस्पताल के जूनियर डॉक्टर रोहित  के खिलाफ लापरवाही पूर्वक इलाज किए जाने की रिपोर्ट दर्ज की।तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। शाहगंज थानाक्षेत्र के गढ़ैया निवासी  भारत को लीवर में दिक्कत थी, उसे पांच दिन पहले कचेहरी  के आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।परिजनों का आरोप है कि शाम आठ बजे तक उसकी तबियत में सुधार था,लेकिन रात में जूनियर डॉक्टर नेलापरवाही पूर्वक इलाज किया । इससे उनकी मौत हो गई थी । भारत के दो बच्चे हैं ।
अगला अंतर
    (कुछ लोगों ने......................... …............घूँसा मारा।)

        पाठभाग से संबंधित एक रपट की प्रस्तुति
डॉक्टर की लापरवाही: मरिज़ की नाक काटी गई।
स्थान:..तारीख : एक मामूली चोट के इलाज के लिए आए  बाबूलाल तेली (45)  नामक मरीज़ को डॉक्टर की लापरवाही के कारण अपनी नाक नष्ट हुई। डॉक्टर लालूराम तेली ने किसी टेस्ट के बिना बाबूलाल तेली की नाक का ऑपरेशन किया।उसके बाद मरीज़ की हालत बिलकुल बिगड़ गई। अब वह देखने-सुनने में असमर्थ निकला है। नकली इलाज, विभिन्न टेस्ट आदि से मरीज़ को लूटकर फायदेमंद डॉक्टरों की लापरवाही इलाज के क्षेत्र में बढ़ रही है।

  बच्चो,समाचार पढ़ा है न?
        बाबूलाल तेली को क्या हुआ होगा? आगे देखें।
  वाचन प्रक्रिया
        उपरोक्त सूचित पाठभाग का वाचन करें। ( वाचन प्रक्रिया )
        छात्र सस्वर वाचन। वाचन का आकलन।
        वाचन प्रक्रिया का निर्धारण  करें ।
        आशय ग्रहण के लिए सहायक प्रश्न पूछें -
    ? बाबूलाल तेली विशेष चिकित्सा के लिए कहाँ गया?
    ? मुंबई में चिकित्सा के बाद बाबूलाल तेली की क्या हालत हुई थी?
    ? बाबूलाल तेली ने बिस्तर पर बैठकर क्या सोचा?
        "चिकित्सा के क्षेत्र में नैतिकता" विषय पर एक संपादकीय तैयार करें।"
   लेखन प्रक्रिया
        चिकित्सा के क्षेत्र में नैतिकता - संपादकीय
        सहायक बिंदु -
  • चिकित्सा-व्यापार
  • विभिन्न (अनावश्यक) टेस्ट
  • भ्रष्टाचार
  • नकली इलाज
  • खर्चीली इलाज और गरीब जनता
    लेखन प्रक्रिया।
    वैयक्तिक रूप से लिखें।
    दल में प्रस्तुति,
    प्रस्तुति पर चर्चा।
    दल में परिमार्जन ।
    दलों द्वारा प्रस्तुति।
    अध्यापक की अपनी प्रस्तुति।
चिकित्सा के क्षेत्र में नैतिकता
        आजकल हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। चिकित्सा-क्षेत्र भी इससे मुक्त नहीं है। अस्पताल पैसा कमाने का अड्डा मात्र बन गया है । छोटी सी बीमारी के लिए रक्त की जाँच, स्कैनिंग , एक्स-रे, ई.सी.जी. एच.आई.वी. टेस्ट आदि किए जाते हैं। मरीज़ों को मंजिल से मंजिल चक्कर काटना पड़ता है। बड़ी रकम खर्च करके इस प्रकार के टेस्ट करने पर भी रोग का निर्णय नहीं किया जाता। कई दिनों की चिकित्सा के बाद बुरी हालत में मरीज़ के सामने हाथ खड़े कर देते हैं।रोगी को बचाना नहीं, उसका एक-एक पैसा  चुरा लेना अस्पतालवालों का लक्ष्य है। आज शहर के कोने-कोने में सूपर स्पेश्यालिटी अस्पताल है । वहाँ प्रत्येक बीमारी और अंग के विशेषज्ञ है । इन विशेषज्ञों की ख्याति से अस्पतालों के बीच की स्पर्धा चल रही है ।  निष्कलंक गरीब मरीज़ को यहाँ से सही इलाज नहीं  मिलता। डॉक्टरों की लापरवाही से  दिन-ब-दिन  मरीज़ों को अपना किसी अंग खोना पड़ता है , नहीं तो बुरी हालत में अन्य किसी अस्पताल की राह लेना पड़ता है । डॉक्टरी सबसे पवित्र कर्म है ।  मरीज़ को डॉक्टर ईश्वर के समान है। वे  उनपर भरोसा रखते हैं। लेकिन अस्पतालवालों की बाज़ारी प्रवृत्ति और डाक्टरों की लापरवाही से इस क्षेत्र में अनैतिकता बढ़ रही है । चिकित्सा क्षेत्र को  अनैतिकता से मुक्त करने का प्रयास अकेला नहीं हो सकता ।  हम एकजुड़ होकर अपनी आवाज़ उठाएँ और सेहत को भ्रष्टाचार से मुक्त करें। 
 कक्षा में -
        चुनिंदे उपजों का प्रस्तुतीकरण और एक का संशोधन कार्य।
    अतिरिक्त कार्य:
        "कोई महीना भर बाद बाबूलाल तेली बंबई से लौटे तो एकदम चंगे होकर।....बाबूलाल तेली अपने बिस्तर पर पड़े-पड़े सोच रहा था-  शुक्र है उसने मेरी नाक पर ही घूँसा मारा।" ये विचार उन्होंने अपनी डायरी में कैसे लिखा होगा? उसकी डायरी कल्पना करके लिखें।

अध्यापक का आकलन : हम ने क्या किया ?

        *   कहानी के मुहावरे और विविध भाषा-शिल्पों को समझाया। 
        *   "डॉक्टर की लापरवाही शीर्षक पर टिप्पणी लिखवाई।"       
        *   "चिकित्सा के क्षेत्र में नैतिकता" पर संपादकीय लिखवाया।  
        *   भिन्न संदर्भों में वार्तालाप और समाचार लिखवाया।      
        *    कहानी में प्रयुकत विशेष प्रयोग चुनकर लिखावाया।  
        *   सर्वनाम और उनके भेद समझाया।    
        *   संशोधन करवाया।                              
PDF केलिए दबाएँ....

6 comments:

  1. ഈ യൂനിറ്റിലേക്ക് പ്രവേശിക്കാന്‍ ഒരു വീഡിയോ/ചിത്രമല്ലേ നന്നാവുക,കുട്ടികളിലേക്ക് ആശയ സംവേദനം നടത്താന്‍ ചിത്രങ്ങള്‍ക്ക് കഴിയും പോലെ റിപ്പോര്‍ട്ടിനാവില്ല. പരാതിയല്ല,വെറും നിര്‍ദ്ദേശം മാത്രം.

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  2. സക്കീന ടീച്ചര്‍
    മുന്നുരയില്‍ പറ‍ഞ്ഞത് ആവര്‍ത്തിക്കുന്നു
    ഇത് വഴിയൊരുക്കല്‍ മാത്രം
    ഈ പോസ്റ്റിലുള്ള സൂചകങ്ങളോടൊപ്പം നിങ്ങള്‍ ഓരോരുത്തരുടെയും അനുഭവസമ്പത്തും പഠന തന്ത്രങ്ങളും ചേരുമ്പോള്‍ മാത്രമാണ് മികച്ച ടീച്ചിംഗ് മാനുവലുകള്‍ രൂപം കൊള്ളുക
    പക്ഷേ ആര്‍ക്കാണിതാവശ്യം?ഈ പോസ്റ്റിലെത്തിയവര്‍ 145
    കമന്റ് 1!!!

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  3. ചില സിനിമയില്‍ ചിലര്‍ കള്ളു കുടിക്കാന്‍ തലയില്‍ മുണ്ടിട്ട് പോകുന്നത് കാണാറുണ്ട്,അതേ പോലെയാണല്ലേ ബ്ലോഗിലേക്ക് വരുന്നതും ആവശ്യമുള്ളത് കൊണ്ട് പോകുന്നതും. ആര്‍ക്കും ഒന്നും മിണ്ടാന്‍ കാണില്ല സര്‍.

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  4. ഷനോജ് സാറിന്‍റെ റേഡിയോ പ്രഭാഷണം റെക്കോര്‍ഡ് ചെയ്യനുള്ള ശ്രമം പരാജയപ്പെട്ടു. സദയം ക്ഷമിക്കുക. വിജയിച്ചവര്‍ ദയവായി ബ്ലോഗിനയച്ചു തരുക.

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  5. ബാബുലാല്‍ തേലിയുടെ ടീച്ചിംഗ് മാന്വല്‍ കണ്ടു.സമഗ്രവും പൂര്‍ണ്ണവുമായത്.അഭിനന്ദനങ്ങള്‍...ഒപ്പം ചിത്രീകരണം നടത്തിയ
    കാര്‍ട്ടൂണിസ്റ്റിനും അഭിനന്ദനങ്ങള്‍....

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