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Monday, December 05, 2011

समाचार-पत्र – एक प्रभावशाली सहायक शिक्षण सामग्री

 सधन्यवाद:


सब जानते हैं कि समाचार-पत्र भाषा-शिक्षक के लिए एक बहुत ही बढ़िया संसाधन हो सकता है, लेकिन शायद कम ही शिक्षक इस का प्रयोग करते हैं। समाचार पत्र किसी भी भाषा का हो सकता है।
यहाँ जिन गतिविधियों की बात कर रहे हैं वे इस प्रभावशाली संसाधन के प्रयोग का एक बहुत ही छोटा हिस्सा हैं – कहना चाहिए कि समुद्र में बूँद समान हैं। समाचारों और समाचार-पत्र में छपने वाली रिपोर्टों का विद्यार्थियों द्वारा पढ़ा जाना और लिखा जाना छोटी कक्षाओं के लिए भी एक दिलचस्प गतिविधि हो सकती है। बड़ी कक्षाओं में तो रिपोर्ट-लेखन आम तौर पर पाठ्यक्रम का ही एक अंग होता है। हाँ, इस गतिविधि के लिए पहले से कुछ तैयारी करनी होगी, नए-पुराने समाचार-पत्र इकट्ठा करने होंगे, और कक्षा में गतिविधि करवाए जाने के समय स्पष्ट दिशा-निर्देश अवश्य देने होंगे ताकि पूरा कार्य अनुशासित ढंग से हो पाए।
पहली गतिविधि :
समाचार-पत्रों की सुर्ख़ियों (यानी मुख्‍य समाचारों के शीर्षकों) को काट लें और उन्हें उन से सम्बद्ध रिपोर्टों/ख़बरों से अलग कर लें। (ध्यान रहे कि ऐसा करते हुए उन सुर्ख़ियों से बचें जो बहुत चर्चा में रही हैं या जिन पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का ध्यान केन्द्रित रहा है – उद्देश्य यह है कि विद्यार्थियों द्वारा अन्दाज़ा लगाए जाने की प्रक्रिया कुछ लम्बी चल सके और उन में पूरी ख़बर पढ़ने की जिज्ञासा बनी रहे।)
सुर्ख़ियों और उन से जुड़ी ख़बरों को अलग-अलग लिफ़ाफ़ों में डाल दें – यानी एक लिफ़ाफ़े में सुर्ख़ियाँ और दूसरे में उन सुर्ख़ियों से जुड़ी ख़बरें हों। उदाहरण के लिए, एक लिफ़ाफ़े में 5 सुर्ख़ियाँ हों और दूसरे में उन्हीं से जुड़ी 5 ख़बरें। कक्षा को जितने समूहों में बाँटना है, उतने ही लिफ़ाफ़ों के जोड़े बना लें। उदाहरण के लिए, समूह 1 की सुर्ख़ियाँ और समूह 1 की ख़बरें एक जोड़ा माना जाएगा। गतिविधि की तैयारी पूरी हो जाने पर कक्षा को समूहों में बाँट दें। समूहों की संख्या इतनी ही रखें कि उन्हें सम्भालने में कोई दिक्कत न हो। प्रत्येक समूह को क्रमश: सुर्ख़ियों और ख़बरों वाला लिफ़ाफ़ों का एक जोड़ा दे दें। प्रत्येक समूह अपने-अपने ढंग से ख़बरों का मिलान सुर्ख़ियों से करने की कोशिश करेगा। मिलान का काम सब से पहले करने वाले समूह की पहचान कर लें। यह सुनिश्चित करें कि सब समूह गतिविधि को पूरा कर लें। पूरी गतिविधि में कितना समय लगा, यह भी कहीं दर्ज हो पाए तो अच्छा रहेगा।
कार्य को सब से पहले पूरा करने वाले समूह से पूछा जा सकता है कि वे यह काम इतनी जल्दी कैसे कर पाए। सम्भावित उत्तरों में कोई नाम, संख्या या किसी बात का हवाला हो सकता है जिस का ज़िक्र सुर्ख़ी और समाचार दोनों में आया हो। इस से इस बात का महत्व उजागर होगा कि किस प्रकार ख़बर की कोई बहुत महत्वपूर्ण जानकारी सुर्ख़ी बन जाती है और पाठक का ध्यान अपनी ओर खींचती है।
दूसरी गतिविधि :
समाचार-पत्र की ख़बरों की करीब 30-40 सुर्ख़ियाँ ले लें(6 विद्यार्थियों के समूह के लिए 5-6 सुर्ख़ियाँ)|इस बात का ध्यान रखें कि सब सुर्ख़ियों के फ़ॉन्ट का रूप-आकार और माप एक ही हो। प्रत्येक सुर्ख़ी के शब्दों को अलग-अलग काट लें – लेकिन ऐसा करने से पहले सुर्ख़ियों को अपनी डायरी में लिख लें। प्रत्येक लिफ़ाफ़े में 5-6सुर्ख़ियों के कटे हुए शब्दों को डाल लें। विद्यार्थियों के जितने समूह बनाने हैं उतने ही लिफ़ाफ़े तैयार कर लें। प्रत्येक समूह को एक लिफ़ाफ़ा दे दें। समूह से कहें कि वे उन के पास उपलब्ध शब्दों से सुर्ख़ियाँ बनाएँ – प्रत्येक समूह 5-6 सुर्ख़ियाँ बनाए। समूह-कार्य पूरा होने पर उन्हें बताएँ कि मूल सुर्ख़ियाँ क्या थीं। हो सकता है कि समूह में तैयार की गई सुर्ख़ियाँ हू-ब-हू वे न हों जो असल में थीं, लेकिन यह कार्य करते हुए विद्यार्थियों को आनन्द आएगा।
इसी गतिविधि का दूसरा रूप, उच्च कक्षाओं के लिए:
उच्च कक्षाओं के लिए इस गतिविधि का एक और रूप हो सकता है। विद्यार्थी सुर्ख़ियाँ बना चुके हों, तो भी उन्हें यह न बताएँ कि उन का मूल रूप क्या था। उन्हें कहें कि वे ख़ुद को संवाददाता मानें और वे सब मिल कर अपना समाचार-पत्र निकालें। वे अपने द्वारा बनाई गई नई सुर्ख़ियों के आधार पर समूह के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श कर के संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार करें। शिक्षक उनका मार्गदर्शन कर सकते हैं कि उनकी रिपोर्ट का आधार क्या? कब? कहाँ? कौन? कैसे? क्यों? कितने? आदि प्रश्नों के उत्तर होने चाहिए। समूह का प्रत्येक सदस्य एक सुर्ख़ी पर रिपोर्ट लिखे। सुर्ख़ी लिखने के तुरन्त बाद वे अपने नाम, तारीख़ और रिपोर्टिंग का स्थान दर्ज करें, जैसा कि समाचार-पत्रों में होता है। लिखी गई रिपोर्टें एक पुराने समाचार-पत्र या किताबों पर चढ़ाए जाने वाले भूरे रंग के काग़ज़ पर चिपकाई जा सकती हैं। विद्यार्थियों से इस समाचार-पत्र को एक नाम देने को कहें। वे ‘अपने’ समाचार-पत्र को कक्षा के बोर्ड पर प्रदर्शित हुआ देख कर बहुत गर्व महसूस करेंगे। लेकिन उनके दिमाग़ पर यह अवश्य अंकित करवा दें कि ये सुर्ख़ियाँ असली तथ्य नहीं हैं।
अब उन्हें मूल सुर्ख़ियाँ दिखाई जा सकती हैं, और नए समाचार-पत्र के साथ ही चिपकाई जा सकती हैं। इस गतिविधि के माध्यम से वे जान पाएँगे कि उन्हें एक रिपोर्ट लिखते हुए किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना है, उसका रूप-आकार कैसा होना चाहिए। इस गतिविधि में एक पीरियड के 35-40 मिनट से अधिक समय की आवश्यकता रहेगी। विद्यार्थियों को समूह चर्चा तथा रिपोर्ट आदि का प्रथम चरण कक्षा ही में पूरा करने के लिए मार्गदर्शित करें और फिर बाकी का काम, यानी सही ड्राफ़्ट तैयार करना, उसे काग़ज़ पर चिपकाना, कक्षा के बोर्ड पर प्रदर्शित करना आदि वे ख़ाली कक्षाओं कक्षा में पूरा कर सकते हैं।
मेरे विद्यार्थियों द्वारा ‘विकृत’ की गई सुर्ख़ियाँ, जो मूल सुर्ख़ियों से भिन्न हो गईं, इस प्रकार हैं –
मूल सुर्ख़ियाँ:
पी.सी. के बजट को उदासीनता भरी प्रतिक्रिया मिली
एशिया कप भारत के हाथ नहीं आया
मॉनसून देरी से आएगा
साण्डों की लड़ाई के खेल पर तमिलनाडु में प्रतिबन्ध
पी.एम. जापान यात्रा पर
शाहरुख़ टैक्स अदायगी में नम्बर वन

‘विकृत’ सुर्ख़ियाँ:
पी.सी का बजट देरी से आएगा
जापान में एशिया कप पर प्रतिबन्ध
मॉनसून तमिलनाडु के हाथ नहीं आया
जापान पी.सी. की भारत यात्रा
पी.एम. ने टैक्स काटे
शाहरुख़ पी.एम. से मिलने गए
एशिया ने शाहरुख़ को नम्बर वन माना
गतिविधि के अगले चरण में विद्यार्थियों से पूछा जा सकता है कि स्कूल में क्या-क्या दिलचस्प बातें होती रही हैं। उन्हें स्कूल की दिलचस्प ख़बरों का एक छोटा समाचार-पत्र निकालने के लिए मार्गदर्शित करें। बाद में इसे स्कूल के सूचना पट्ट पर लगाया जा सकता है। यह छोटा समाचार-पत्र नियमित निकाला जाता रहे तो इसके अंकों को एकत्र कर के स्कूल की वार्षिक पत्रिका का हिस्सा बनाया जा सकता है।
0 राज्यश्री नारायण, पी.जी.टी.अँग्रेज़ी ,आर.पी.वी.वी., त्यागराजनगर लोधी रोड, नई दिल्ली।
0 अँग्रेज़ी से अनुवाद रमणीक मोहन

1 comment:

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