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Tuesday, December 21, 2010

कल्पात्ती-शुचीन्द्रम सत्याग्रह

नवीं कक्षा के प्रश्न-केरल के दलित मुक्ति केलिए सहायक बने आन्दोलनों पर निबन्ध तैयार करें -केलिए सहायक सामग्री(भाग-3)


शुचीन्द्रम
कल्पात्ती
पालक्काडु जिले के कल्पात्ती शिवमंदिर रथोत्सव केलिए प्रसिद्ध है। पुराने ज़माने में मंदिर और उसके चारों ओर के रास्ते अवर्ण हिंदुओं केलिए निषिध थे।पर उल्लेख की बात यह है कि ईसाई और इस्लां धर्म के लोंगों को इसी रास्ते से चलने में कोई बाधा नहीं थी। गुरुवायूर सत्याग्रह से उत्तेजित अवर्ण जाति के युवकों ने रथोत्सव देखने केलिए मंदिर के बाहर के रास्ते में जबरदस्त प्रवेश किया।यह संघर्ष का कारण बन गया।कुछ लोग जाति और नाम बदलकर वही रास्ते से चलने लगे।इससे सवर्ण और ब्राह्णण लोग लज्जित हुए।१९२६ को डा.नायडू के नेतृत्व में एक सत्याग्रह शुरू किया।सत्याग्रह पराजय था। बाद में हाईकोर्ट में दी गई अर्जी पर आई आदेशानुसार शुचीन्द्रम मंदिर के रास्ते अवर्णों केलिए खुले।

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