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Thursday, November 18, 2010

भारत तेरे रंग अनेक


विविधता हमारे देश की पहचान है।प्रदीप पंतजी का यात्राविवरण "चेरापूँजी से आया हूँ”में हमने पढ़ा कि संस्कृति की एक परंपरागत अजस्र धारा देश के कोने कोने में बहती चली आ रही है। जिसका नाम कहीं बैसाखी हो जाता है तो कहीं पोंगल या बिहू या कहीं कुछ और।


फसलों का त्योहार हमारे देश के विविध रंग-रूपों का एक उदाहरण है।नीचे विविधता के कुछ उदाहरण दिए गए हैं। पाँच – पाँच बच्चें का समूह एक-एक उदाहरण ले और उसपर जानकारी इक्कट्ठी करो। जानकारी चित्र,फोट्ग्राफ,कहानी,कविता,सूचनापरक सामग्री को रूप में हो सकती है।हर समूह इस जानकारी को कक्षा में प्रदर्शित करे।सभी जानकारी एकत्र करके एक संकलन तैयार करें।इसके विमोचन कार्यक्रम भी आयोजित करें।


  • भाषा
  • कपडे
  • नया वर्ष
  • भोजन
  • लोककला


अध्यापक बन्धुओं से एक निवेदन : आपको जो उपज मिलें उसे हमें भेज दीजिए। हम उसे ब्लोग में प्रकाशित करेंगे।

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